भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनावः नाम वापसी के बाद सात उम्मीदवार मैदान में, अभ्यर्थियों को चुनाव चिन्ह आवंटित


अब मैदान में सिर्फ सात प्रत्याशी हैं जिनमें मुख्य मुकाबला कांग्रेस की सावित्री मनोज मंडावी व भाजपा के ब्रम्हानंद नेताम के बीच ही बचा है।


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छत्तीसगढ़ Published On :
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रायपुर। भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए नाम वापसी के अंतिम दिन 14 अभ्यर्थियों द्वारा नामांकन वापस लेने के बाद सात अभ्यर्थी चुनाव मैदान में हैं।

नामांकन वापसी के बाद रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को चुनाव चिन्ह का आवंटन किया गया। भारतीय जनता पार्टी के अभ्यर्थी ब्रम्हानंद नेताम को कमल, इंडियन नेशनल कांग्रेस की सावित्री मनोज मंडावी को हाथ, गोंडवाना गणतंत्र पाटी के घनश्याम जुर्री को आरी, राष्ट्रीय जनसभा पार्टी के डायमंड नेताम को नारियल फार्म, आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया के शिवलाल पुड़ो को कोट, निर्दलीय अभ्यर्थी अकबर राम कोर्राम को एयरकंडीशनर और दिनेश कुमार कल्लो को अलमारी प्रतीक चिन्ह आवंटित किया गया है।

हालांकि, छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में सर्व आदिवासी समाज की उस मुहिम को करारा झटका लगा है जिसमें उन्होंने हर पंचायत से एक प्रत्याशी उतारने की घोषणा की थी।

आदिवासियों के आरक्षण में कटौती का विरोध करने के लिए सर्व आदिवासी समाज ने विधानसभा क्षेत्र की सभी 85 पंचायतों से एक-एक प्रत्याशी को मैदान में उतारने की योजना बनाई थी।

42 पंचायतों से एक-एक अभ्यर्थी ने नामांकन पत्र भी खरीदा था। हालांकि सभी ने नामांकन दाखिल नहीं किया। समाज के प्रतिनिधियों में 15 का नामांकन सही दस्तावेजों के साथ जमा नहीं करने के खारिज हो गया।

नामांकन पत्र की जांच के बाद 21 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन आखिरी समय में कांग्रेस के रणनीतिकारों ने आदिवासी समाज के 11 सदस्यों को अपने पाले में कर लिया और अन्य ने मैदान छोड़ दिया।

अब मैदान में सिर्फ सात प्रत्याशी हैं जिनमें मुख्य मुकाबला कांग्रेस की सावित्री मनोज मंडावी व भाजपा के ब्रम्हानंद नेताम के बीच ही बचा है।

आदिवासी समाज के बैनर पर अब एक ही प्रत्याशी पूर्व आईपीएस अकबर राम कोर्रार चुनाव मैदान में हैं। सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी उन्हें ही वोट देने की शपथ दिला रहे हैं।



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