महात्मा गांधी की शहादत पर रायपुर में कार्यक्रम, विरासत को सहेजने और अगली पीढ़ी देने की कोशिश


कार्यक्रम का उद्देश्य अपने जीवन की हर सांस को भारत की आजादी व स्वाभिमान के लिए समर्पित कर देने वाले उस महानायक के प्रति आभार जताना है


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छत्तीसगढ़ Published On :

रायपुर। महात्मा गांधी की शहादत के 75वें साल पूरे होने पर रायपुर में भी एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। गांधी की अनमोल विरासत सहेजने और उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम किया जा रहा है। जिसे हित्य अकादमी छत्तीसगढ़, सन्मति और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन नाम की तीन संस्थाएं मिलकर कर रही हैं।

इस कार्यक्रम का आयोजन साइंस कॉलेज परिसर स्थित डीडीयू सभागार में 30 जनवरी को सुबह 10.30 बजे से होगा। कार्यक्रम में अलग-अलग चरणों में पहले चर्चा, संवाद, गांधी भजन और फिर पोस्टर व चित्र प्रदर्शनी आयोजित होगी। आयोजक संस्थाओं साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़, सन्मति और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि यह कार्यक्रम प्रेम, करुणा और विवेक के अविस्मरणीय नायक महात्मा गांधी की अनमोल विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने की एक विनम्र कोशिश है।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य अपने जीवन की हर सांस को भारत की आजादी व स्वाभिमान के लिए समर्पित कर देने वाले उस महानायक के प्रति आभार जताना है, जो सर्वोच्च मानवीय मूल्यों का एक मूर्तमान रूप बन गया था। जिसका प्रेम और अभय आज भी आजाद और लोकतांत्रिक भारत के लिए प्रेरणा का चिरस्थायी स्रोत है।

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष ईश्वर सिंह दोस्त, सन्मति के अध्यक्ष मनमोहन अग्रवाल और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के राज्य प्रमुख सुनील साह ने बताया कि इस कार्यक्रम में जागरूक नागरिक, खास तौर पर युवा, इकट्ठे होकर गांधी और उनके उसूलों व जीवन आदर्श को याद करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10.30 बजे सत्य व अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी के प्रिय भजनों के गायन से होगी, जिसे इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ का समूह प्रस्तुत करेगा।

साइंस कॉलेज परिसर स्थित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित होने वाले इस महत्वपूर्ण आयोजन में देश के तीन जाने-माने लेखक और विचारक अपनी बात रखते हुए युवाओं के साथ संवाद करेंगे। इनमें भागलपुर की डॉ सुजाता चौधरी हैं, जो प्रख्यात गांधीवादी विचारक और जमीनी कार्यकर्ता हैं। उनकी गांधी से जुड़ी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हैं।

दिल्ली से ‘कश्मीर नामा’, ‘उसने गांधी को क्यों मारा’ जैसी बहुचर्चित कृतियों के लेखक अशोक कुमार पाण्डेय और डाल्टनगंज से चिंतक और तेजस्वी वक्ता शैलेंद्र कुमार भी आ रहे हैं। ये अतिथि वक्ता गांधी की शहादत के पचहत्तर साल पूरे होने पर देशवासियों के कर्तव्य पर पहले अपनी बात रखेंगे और फिर युवा अपनी जिज्ञासाओं पर इनसे संवाद भी कर सकेंगे। इस अवसर पर गांधी के जीवन और विचारों से प्रेरित एक पोस्टर और चित्र प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। आयोजकों ने शहर व आसपास के नागरिकों, खास तौर पर युवाओं से बड़ी संख्या में इस कार्यक्रम में शामिल होकर गांधी को याद करने की अपील की है। इच्छुक श्रोता एक लिंक के माध्यम से अपना पंजीयन करवा सकते हैं।

 



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