गोविंद सिंह को हटा कोर्ट लेकर पहुंची एसटीएफ


— भिंड से हटा लेकर पहुंची है एसटीएफ
— दर्जनभर से अधिक वाहनों का काफिला
— सरेंडर के पीछे है सोची-समझी रणनीति


लक्ष्मीकांत तिवारी
दमोह Updated On :

दमोह। देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में आरोपी विधायक राम बाई की पति गोविंद सिंह के सरेंडर के बाद उन्हें हटा में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय लाया गया। इससे पहले ही हटा में पुलिस बल तैनात किया गया था। एसटीएफ गोविंद सिंह को करीब कई वाहनों के काफिले के साथ लेकर यहां पहुंची।

जानकारी के मुताबिक एसटीएफ गोविंद सिंह को रविवार की शाम 4.10 मिनिट पर हटा कोर्ट पहुंची थी। एसटीएफ का वाहन सीधे कोर्ट परिसर के अंदर पहुंचा।

बताया जाता है कि इससे पहले उसकी यहां कोरोना संक्रमण से बचाव के तौर पर उसका तापमान भी जांचा गया। कोर्ट परिसर में पुलिस के अलावा  किसी को जाने की इजाज़त नहीं थी। गोविंद सिंह ने इस दौरान वही कमीज़ पहने हुई थी  जिसमें उसने वीडियो जारी किया था।

 

पेशी के दौरान दौरान कोर्ट के बाहर काफी संख्या में पुलिस कर्मी और अधिकारी तैनात रहे।

इससे पहले बताया आरोपी गोविंद सिंह के सरेंडर की बात की गई थी लेकिन एसटीएफ का दावा है कि उसने भिंड से गोविंद सिंह को गिरफ्तार किया है। हालांकि गोविंद ने अपने द्वारा जारी किये गए वीडियो में भिंड के बस स्टैंड पर ही सरेंडर करने की बात कही है।

यह मामला न्यायिक व्यवस्था से भी जुड़ा है क्योंकि इस मामले की सुनवाई कर रहे एक जज ने अपने साथ गलत होने की आशंका भी जताई थी। जज का कहना था कि उनके उपर पुलिस अधिकारी दबाव बना रहे हैं। मामले की सुनवाई के दौरान  इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी हैरानी जताई थी।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गोविंद सिंह के सरेंडर को लेकर राज्य सरकार पर खासा दबाव था। उस पर पचास हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया गया था। इसी एक मामले ने कानून व्यवस्था के नाम पर सरकार की छवि को खासा नुकसान भी पहुंचाया था। इसके बाद एसटीएम ने दर्जनभर से ज्यादा टीमें उसे पकड़ने के लिए बनाई गई थीं लेकिन अब तक ये टीमें उसे पकड़ नहीं सकी थी।

भिंड में गोविंद सिंह की गिरफ्तारी या सरेंडर कोई सामान्य नहीं बल्कि एक सोची-समझी रणनीति बताई जा रही  है। रामबाई के अलावा प्रदेश में एक ही बसपा के विधायक हैं जो भिंड से संजीव सिंह हैं। ऐसे में रामबाई ने अपने पति को संजीव सिंह के इलाके में सरेंडर करवाया। सूत्रों के मुताबिक गोविंद सिंह पिछले एक हफ्ते से इसी इलाके में थे। इसके बाद 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद इस तरह सरेंडर करने की योजना बनाई गई।

दैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक भिंड का चुनाव इसलिए भी किया गया क्योंकि  भिंड सीट पर बसपा का कब्जा रहा है। विधायक  संजीव सिंह बसपा के विश्वसनीय हैं। इसके अलावा भिंड जिले में BSP के कई प्रदेश स्तर के पदाधिकारी है।

वहीं भिंड के पड़ोसी जिला मुरैना से BSP प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते अच्छी पकड़ है। इसके अलावा भिंड की सीमा इटावा, औरैया और जालौन जिले से सटी हुई है। उत्तर प्रदेश के इन जिलों में बहुजन समाज पार्टी का वर्चस्व है। यही वजह रही कि गोविंद सिंह और विधायक रामबाई  ने पहले वीडियो जारी किया और फिर सरेंडर किया।

 

 



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