‘IQ बहुत होता है इसलिए ब्राह्मणों का सम्मान किया जाना चाहिए’ चुनावी साल में IAS अधिकारी की ये नई किताब शुरु करेगी नई बहस!


IAS नियाज़ कई बार ऐसे बयान देते रहे हैं जो बाद में छुटपुट विवादों की वजह बने।


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भोपाल Updated On :

भोपाल। पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जाति बटवारे के लिए ब्राह्मणों को दोषी बताया था जिसके बाद उनका काफी विरोध होता रहा।

अब एक मप्र के एक आईएएस अधिकारी ने ब्राह्मणों की प्रशंसा की है और कहा है कि उनका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्राह्मणों का सम्मान इसलिए करना चाहिए क्योंकि उनका आईक्यू बहुत अच्छा होता है।

खास बात यह है कि यह किताब चुनावी साल में आ रही है और इसमें कई ऐसी बातें हो सकती हैं जो राजनीतिक दलों को काफी परेशान करेंगी।

किताब का विमोचन शंकराचार्य से करवाने की बात हो रही है। हाल ही में शंकराचार्य ने ही मोहन भागवत की टिप्पणी की कड़ी आलोचना की थी।

किताब के बारे में पिछले काफी समय से चर्चाएं तेज़ थी। माना जा रहा है कि नियाज़ खान की यह किताब राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू वर्ण व्यवस्था को खत्म करने और ब्राह्मणों को हाशिए तक पहुंचाने वाली कई घटनाओं पर आधारित है। ऐसे में नियाज़ खान किसी के लिए फायदेमंद तो किसी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं।

आईएएस नियाज़ ख़ान ने ट्विटर के जरिये यह टिप्पणी की है। उन्होंने यहां बताया है कि उन्होंने ब्राह्मणों पर एक शोध किया है।

अधिकारी का दावा है कि ब्राह्मण द ग्रेट के शीर्षक से एक किताब के शोध के दौरान उन्हें ब्राह्मणों के बारे में कई जानकारी मिली हैं। आईएएस नियाज़ ख़ान ने ब्राह्मणों को देश की संपत्ति बताया है।

https://twitter.com/saifasa/status/1623885010498641921

 

नियाज़ ख़ान ने ट्वीट किया अपनी पुस्तक ब्राह्मण द ग्रेट के शोध के दौरान, मैंने भारत में ब्राह्मणों के महान योगदान के संबंध में कई गैर-ब्राह्मणों के साथ बातचीत की।मेरे विचार से, चूंकि ब्राह्मणों का आईक्यू बहुत अधिक होता है, इसलिए उनका बिना किसी भेदभाव के सम्मान किया जाना चाहिए। वे बड़ी पूंजी हैं।

https://twitter.com/saifasa/status/1623496641184690176

नियाज़ की यह किताब अगले महीने बाजारों में होगी। उन्होंने लिखा कि उनकी इस किताब के लिए उन्होंने हज़ारों वर्षों के भव्य इतिहास का अध्ययन किया है और उन्हें चाणक्य और दधीचि से प्रेरणा मिली है।

मेरा आठवां उपन्यास ब्राह्मण द ग्रेट अगले महीने बाजार में आएगा। ब्राह्मणों का सही मूल्य जानने के लिए मुझे उनके हजारों वर्षों के भव्य इतिहास का अध्ययन करना पड़ा। ब्राह्मण चाणक्य, एक महान महान हस्ती, ने निश्चित रूप से इस पुस्तक को प्रेरित किया है। दधीचि भी प्रेरणा रहे हैं

नियाज़ लेखन से जुड़े अधिकारी हैं वे कई विषयों पर किताबें लिख चुके हैं। अपनी राय कई बार बेबाक तरीके से रखते रहे हैं। वे बजरंग दल को मोरल पुलिसिंग की जिम्मेदारी सौंपने की सलाह दे चुके हैं तो कश्मीर फाइल्स फिल्म के शोर में वे मुसलमानों पर हुए अत्याचारों पर फिल्म होने की इच्छा भी ज़ाहिर कर चुके हैं। फिल्म पर दिए गए इस बयान के लिए उनसे मंत्री नरोत्तम मिश्रा नाराज़ हो गए थे लेकिन अब शायद उनका यह बयान मिश्रा को पसंद आए क्योंकि वे खुद भी ब्राम्हण हैं और इस समुदाय के लोगों की प्रशंसा और सम्मान करते रहे हैं।

हालही में नियाज़ ने एक और ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने वेदोंं को ज्ञान का भंडार बताया। उन्होंने एक किताब का कवर साझा करते हुए लिखा कि ‘यह पुस्तक मेरी पुस्तक BRAHMIN THE GREAT के लिए बहुत उपयोगी रही है जिसने वेदों की सच्ची भावना में झाँकने के लिए एक खिड़की प्रदान की। मैं यहां ज्ञान के महान खजाने को देखकर हैरान हूं। प्राचीन ब्राह्मण संतों, संतों और ऋषियों को धन्यवाद, जिन्होंने प्रकाश स्तंभ के रूप में उन्हें आगे बढ़ाया।’

नियाज़ खान की यह टिप्पणी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद ज्यादा अहम है। जहां भागवत ने ब्राम्हणों को जातिवाद का कारण बता दिया था जिसके चलते उन्हें ब्राम्हणों ने खूब खरी खोटी सुनाई और अब नियाज़ खान ने ब्राम्हणों के सम्मान की बात कही है लेकिन उन्होंने यहां लिखा है कि बिना किसी भेदभाव के ब्राम्हणों का सम्मान होना चाहिए जो शायद उन्हें परेशान भी करे लेकिन एक बात तय है कि अधिकारी की यह किताब एक बड़े तपके को राहत पहुंचाने वाली है।



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