कांग्रेसियों की मौन रैली के बाद मुकदमों का शोर, दो विधायक सहित पांच सौ कार्यकर्ताओं पर केस


कांग्रेसी राजनीतिक रैलियों को दी जा रही छूट और धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक के आदेश पर विरोध दर्ज कराने पहुंचे थे।


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घर की बात Published On :

इंदौर। शहर में हो रही राजनीतिक रैलियों को छूट और धार्मिक जुलूसों पर प्रतिबंध के विरोध कांग्रेसियों ने बुधवार को प्रदर्शन किया। हालांकि इस दौरान उनके उपर  पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और फिर वाटर कैनन से तितर-बितर कर दिया। इस कार्रवाई में कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और नेताओं को चोट आई है। इनमें विधायक संजय शुक्ला भी शामिल हैं।

इसके बाद जब प्रशासन ने नेताओं को ज्ञापन देने बुलाया, तो उन्होंने अफसरों को गणेश प्रतिमा भेंट की। कांग्रेस की मौन रैली को प्रशासन से अनुमति नहीं मिली थी। जिसके बाद दो शुक्ला और जीतू पटवारी सहित करीब पांच सौ कांग्रेसियों पर शासकीय काम में बाधा डालने का केस दर्ज किया गया है।

कांग्रेस ने अपनी इस मौन रैली से पहले तय किया था कि वे राजबाड़ा से चार-चार लोगों की लाइन में काले कपड़े और मास्क लगाकर मौन रैली निकालेंगे और कोई गड़बड़ी नहीं होने देंगे। यह भी बताया गया कि नारेबाजी के बजाय तख्तियां लेकर हाथ में चलेंगे। अपनी मांगें ज्ञापन के माध्यम से अधिकारियों तक पहुंचाएंगे।

इसके बाद सुबह करीब 10 बजे सभी विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेसी गांधी भ‌वन पर एकत्र हुए। इनमें से अधिकांश ने काले कपड़े और काले मास्क पहने थे। इसके साथ ही हाथों में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की तख्तियां थी।

करीब एक घंटे बाद जब कांग्रेसियों का जमावड़ा हो गया। चार-चार की लाइन बनाई व राजबाड़ा से मौन रैली के रूप में कलेक्टोरेट के लिए रवाना हुए। रैली में वाल्मीकि समाज के लोग भी थे, जो प्रशासन से गोगादेव नवमी पर होने वाले आयोजन की स्वीकृति मांगने को लेकर साथ में थे।

रैली में इंदौर कांग्रेस की प्रभारी विजया लक्ष्मी साधौ, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी, विधायक संजय शुक्ला, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल आदि शामिल रहे।



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