जैतपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 96 प्लॉटों पर 471 आवेदन: छोटे उद्यमियों के लिए अवसर या चुनौती?


जैतपुरा औद्योगिक क्षेत्र में 96 प्लॉटों के लिए 471 आवेदन, 18 जून को ऑनलाइन नीलामी; छोटे उद्योगपतियों में नाराजगी, 20% आरक्षण, विविध उद्योगों की संभावनाएँ।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

जिले में औद्योगिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम रखते हुए जैतपुरा में नया औद्योगिक क्षेत्र पूरी तरह विकसित कर दिया गया है। 25 एकड़ में फैले इस औद्योगिक क्षेत्र को 21 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसमें कुल 96 भूखंड उपलब्ध कराए गए हैं, जिन पर उद्योग स्थापित किए जाने हैं। इस योजना के तहत अब तक 471 निवेशकों ने आवेदन किया है, जो इस बात का संकेत है कि धार जिले में व्यापारिक माहौल को लेकर उत्साह है।

 

टेक्निकल बिड से लेकर ऑनलाइन नीलामी तक

औद्योगिक भूखंडों के लिए 5 से 12 जून तक तकनीकी निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। अब 18 जून को फाइनेंशियल बिड यानी ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। शासन के अनुसार यदि किसी भूखंड के लिए एक से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं तो नीलामी में सबसे अधिक दर भरने वाले को वह भूखंड आवंटित किया जाएगा।

 

प्लॉट संख्या: 96

कुल आवेदन: 471

  • न्यूनतम दर: सामान्य वर्ग के लिए ₹20/वर्गफीट, एससी/एसटी वर्ग के लिए ₹10/वर्गफीट
  • प्लॉट साइज: 5,000 वर्गफीट
  • आरक्षण: 20% भूखंड अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित

 

 12 से अधिक उद्योगों की स्थापना की योजना

जैतपुरा में विभिन्न प्रकार की औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इन इकाइयों में शामिल हैं:

 

  • फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स
  • फर्नीचर निर्माण
  • एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स
  • दाल मिल
  • छाता निर्माण इकाई
  • सेव-नमकीन उद्योग

 

प्लास्टिक पाइप व ड्रिप सिंचाई से संबंधित इकाइयाँ

उद्योग विभाग का अनुमान है कि एक से डेढ़ साल के भीतर यह इकाइयाँ चालू हो जाएंगी, जिससे स्थानीय स्तर पर कुशल और अकुशल मजदूरों को रोजगार मिलेगा।

 

 छोटे उद्यमियों की चिंता: “ऑनलाइन नीलामी अमीरों के लिए है”

जहां एक ओर सरकार इस परियोजना को रोजगार और निवेश के नए द्वार के रूप में प्रस्तुत कर रही है, वहीं कुछ निवेशकों ने इसमें असंतोष जताया है। उनका कहना है कि ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया में वही सफल होंगे जिनके पास अधिक पूंजी है। इससे छोटे और नए उद्यमियों को प्लॉट मिलने की संभावना काफी कम हो जाती है।

 

एक स्थानीय निवेशक ने कहा:

“सरकार रोजगार की बात करती है, लेकिन नीलामी की व्यवस्था अमीरों के पक्ष में है। छोटे कारोबारी प्लॉट नहीं खरीद पाएंगे, फिर कैसे करेंगे उद्योग स्थापित?”

 

 धार का पुराना औद्योगिक क्षेत्र: मगजपुरा मॉडल

धार में इससे पहले 1984 में मगजपुरा क्षेत्र में पहला औद्योगिक केंद्र बनाया गया था। यहां करीब 49 प्लॉट आवंटित किए गए थे, जिन पर आज 2 से 3 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। जैतपुरा इंडस्ट्रियल एरिया  को उसी तरह की सफलता की उम्मीद के साथ देखा जा रहा है।

 



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