अनारद ग्राम पंचायत में प्रस्फुटन समिति की नीलामी कार्रवाई अवैध घोषित, हाईकोर्ट ने दिया जांच का आदेश


कोर्ट ने कहा – शासन को जो नुकसान हुआ है उसकी वसूली करें अधिकारी, मामला पंच कास्तकार भूमि नीलामी का।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
dhar-auction

धार। उच्च न्यायालय में ग्राम पंचायत अनारद में प्रस्फुटन समिति के माध्यम से नीलाम की गई पंच कास्तकार भूमि को वैध मान्य करने की याचिका में कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भूमि नीलामी की प्रक्रिया को अवैध माना है।

कोर्ट ने शासन पक्ष एसडीएम, जनपद और ग्राम पंचायत की ओर से अभिभाषक अमर सिंह राठौर एवं अर्पित सिंह के तर्कों से सहमत होते हुए प्रस्फुटन समिति द्वारा याचिकाकर्ता घनश्याम सिंह को की गई अवैध भूमि नीलामी की जांच करने के आदेश दिए हैं। वहीं शासन को इस प्रक्रिया के माध्यम से हुई आर्थिक क्षति की राशि भी वसूलने के लिए निर्देशित किया है।

शनिवार को कोर्ट ने इस मामले को लेकर आदेश जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत अनारद में पंच कास्तकार की करीब 6 हेक्टेयर के लगभग भूमि है। इस भूमि को गांव में ही प्रस्फुटन समिति बनाकर अभी तक नीलाम किया जा रहा था।

मामला जनपद के संज्ञान में आने के बाद जनपद ने नीलामी करवाई थी। एसडीएम ने प्रस्फुटन समिति की नीलामी प्रक्रिया को गलत माना था। एसडीएम के आदेश को खारिज करने और प्रस्फुटन समिति की प्रक्रिया को वैध मान्य करने के लिए याचिका दायर की गई थी।

यह था मामला

जिले में कई पंचायतों में पंच कास्तकार के नाम से दर्ज कृषि भूमियां है। ग्राम पंचायतों में बिना नियम कायदों के ही इसे लीज पर देकर राशि ली जाती है। ग्राम पंचायत अनारद में कुछ लोगों द्वारा समिति के माध्यम से जमीन पर लीज पर दी जाती थी।

इस वर्ष इस प्रक्रिया को ग्राम पंचायत ने नजरअंदाज करते हुए जनपद के माध्यम से नीलामी करवाई थी। इस नीलामी में बंद लिफाफों में बोली ली गई थी। नीलामी के पश्चात लिफाफे खोलने में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लेटलतीफी के कारण प्रस्फुटन समिति के माध्यम से पूर्व में की गई नीलामी को वैध मान्य करने हेतु याचिका दायर की गई। इस याचिका की मांगों को कोर्ट ने अमान्य कर दिया है।

वकील की तर्कों पर सहमत कोर्ट

याचिका दायर होने के बाद अधिवक्ता अमर सिंह राठौर एवं अर्पित सिंह ने न्यायालय के समक्ष बताया कि सरकारी जमीन की नीलामी की कार्रवाई का अधिकार मप्र पंचायत राज अधिनियम के अंतर्गत जनपद पंचायत के सीईओ को ही नीलामी के अधिकार प्राप्त है।

ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति को किसी भी रूप से मान्यता प्राप्त नही है। समिति के माध्यम से कुछ लोगों द्वारा सरकारी जमीन की अवैध रूप से नीलामी करते हुए याचिकाकर्ता घनश्याम सिंह को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है और ऐसी कार्रवाई से शासन को हानि हुई है।

साथ ही शासन द्वारा की जा रही नीलामी की कार्रवाई भी विलंबित होने के कारण शासन को नुकसान हुआ है। ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता और तथाकथित प्रस्फुटन समिति के खिलाफ जांच किए जाने की मांग की जिसे उच्च न्यायालय द्वारा स्वीकार किया गया।

शासन की क्षति भी वसूले, सीईओ करेंगे जांच

शनिवार को पारित आदेश में ग्राम विकास प्रस्फुटन समिति द्वारा की गई तथाकथित नीलामी की कार्रवाई को अवैध ठहराते हुए इस अवैध नीलामी की कार्रवाई में शामिल व्यक्तियों के विरूद्ध जनपद पंचायत के सीईओ को जांच करने के आदेश दिए।

साथ ही ऐसी अवैध कार्रवाई से मप्र शासन को हुई क्षति के संबंध में दोषी व्यक्तियों से राशि वसूली किए जाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए ओर दस हजार जुर्माना भी लगाया है।



Related