माही डेम स्थित टापू पर बांस के कॉटेज का मजबूती से होगा निर्माण, डीएम ने दिए निर्देश


धार से लगभग 40 किमी दूर मनरेगा योजना अंतर्गत इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप दिया जा रहा है। टापू को सुरक्षित करने के लिए पत्थरों की बोल्डर वॉल, पर्यटकों के लिए पाथ वे बनाने के साथ अब पर्यटकों के लिए बांस के कॉटेज बनाए जा रहे हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
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धार। सरदारपुर तहसील के लाबरिया में माही परियोजना पर विकसित किये जा रहे पर्यटन स्थल पर चल रहे कार्यों का निरीक्षण करने शुक्रवार को आलोक कुमार सिंह, सीईओ जिला पंचायत आशीष वशिष्ठ और एसडीएम बीएस कलेश के साथ पहुंचे।

धार से लगभग 40 किमी दूर मनरेगा योजना अंतर्गत इस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप दिया जा रहा है। टापू को सुरक्षित करने के लिए पत्थरों की बोल्डर वॉल, पर्यटकों के लिए पाथ वे बनाने के साथ अब पर्यटकों के लिए बांस के कॉटेज बनाए जा रहे हैं।

कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कॉटेज की मजबूती का विशेष ध्यान रखा जाए। फिर पेंटिंग आदि सौंदर्यीकरण कार्य किए जाएं। नाव से टापू पर पहुंचने के लिए इंजन बोट, टापू पर नहाने के लिए घाट की भी व्यवस्था की गई है।

साथ ही साथ यहां पर विभिन्न प्रजाति के चार हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। आगामी दिनों में यह पर्यटकों के लिए पूरी तरह से खुल जाएगा। स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा।

इस टापू पर अब तक चार चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। पांच व्यू पाइंट पर लीली और पाथवे पर ताड़पाम व नारियल के पौधे लगाए हैं। साथ ही समुद्र तट पर होने वाले फोस्टलपाम, टोपाइल, लीली, आम, जाम, चीकू, फ्लावर्स सहित पाइकस, बॉटलपाम, शहतुत के करीब 3750 से अधिक पौधे लगाकर हेचिंग के 500 पौधे हैं।

अब अंतिम चरण के काम बचे हुए हैं। इसके बाद पर्यटक नाव से टापू तक पहुंच सकेंगे। पानी के बीच स्थित टापू में 12 फीट ऊंचा एक व्यू पाइंट भी बनाया जा रहा है, जिस पर खड़े होकर पर्यटक चारों ओर पानी व प्राकृतिक नजारे को देख सकेंगे।

साथ ही साथ यहां पर ग्रामीण महिलाओं को रोजगार का प्रशिक्षण देने के लिए आजीविका मिशन का ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जा रहा है। इसमें महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।



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