भाजपा जिलाध्यक्ष का संकल्प, भोजशाला में मां वाग्देवी की प्रतिमा स्थापित होने तक नहीं मनाएंगे जन्मदिन


ज्योति मंदिर की ज्योत लेने मैहर पैदल गए प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल थे जिला भाजपा अध्यक्ष राजीव यादव, भोजशाला आंदोलन और सत्याग्रह से छात्र जीवन से रहा है जुड़ाव।


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धार Published On :
dhar bjp president

धार। धार जिला भाजपा अध्यक्ष राजीव यादव ने मंगलवार को भोजशाला में आयोजित सत्याग्रह के बाद घोषणा की कि उन्होंने अपना जन्मदिन तब तक न मानने का निर्णय लिया है, जब तक मां वाग्देवी की प्रतिमा भोजशाला में विराजित नहीं हो जाती।

भोजशाला में नियमित सत्याग्रह के दौरान शामिल होने पहुंचे यादव ने गर्भगृह के समीप यह बात सत्याग्रहियों के बीच कही। बता दें कि जिलाध्यक्ष यादव का जन्मदिन 23 नवंबर यानी बुधवार को है।

यादव के जन्मदिन की तैयारियां जोरो-शोरों से शहर में चल रही थी। कार्यकर्ताओं ने पूरी आदर्श सड़क उनके जन्मदिन के पोस्टरों से पाट रखी है। साथ ही कार्यालय पर भी उत्सवी माहौल देखने को मिला था, लेकिन मंगलवार को हुई इस घोषणा के बाद से एकदम पूरा माहौल बदल गया।

हालांकि अपने नेता का जन्मदिन मनाने के लिए आतुर कार्यकर्ताओं को यह बयान हजम नहीं हुआ। कुछ इस घोषणा के समर्थन में नजर आए तो कुछ ने इस पर कोई बात नहीं कही।

सत्याग्रह से रहा है पुराना नाता –

भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव यादव के राजनीतिक करियर की शुरुआत कॉलेज की छात्र राजनीति से हुई। एबीवीपी के साथ कदमताल के बाद वे युवा मोर्चा में सक्रिय हो गए।

युवा मोर्चा में सर्वोच्च पद यानी धार भाजयुमो जिलाध्यक्ष के रूप में संगठन का काम देखा और भाजपा जिलाध्यक्ष का काम संभाल रहे हैं। इनके कार्यकाल में भाजपा ने चुनावों में बेहतर परिणाम हासिल किए हैं, लेकिन शुरुआत से यादव भोजशाला आंदोलन में सक्रिय रहे हैं।

पैदल गए थे मैहर ज्योत लेने –

वर्ष 2003 में जब भोजशाला आंदोलन में संघर्ष अपने चरम पर चल रहा था। उस दौर में ज्योति मंदिर की स्थापना इस संघर्ष को मजबूत करने के लिए की गई थी। इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल धार से मैहर पैदल गया था।

इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव यादव भी शामिल थे, जो पैदल धार से मैहर गए थे और माता की ज्योत लेकर धार आए थे। इतना ही नहीं कई अवसर पर यादव को भोजशाला आंदोलन में देखा गया है।

भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव यादव का संकल्प –

सत्याग्रह के दौरान भोजशाला गर्भगृह में राजीव यादव ने कहा कि हम निरंतर संघर्षरत हैं। इस संघर्ष की अगुवाई आदरणीय गोपाल शर्मा जी, हेमंत दौराया जी, राजेश शुक्ला जी व सभी कार्यकर्ताओं ने इसे आगे बढ़ाने के लिए मेहनत की है। जन्मदिवस तो सभी का आता है, मेरा कल है। यहां मां वाग्देवी की प्रतिमा नहीं है। जब तक नहीं आएगी, तब तक हमारा संघर्ष निरंतर जारी रहेगा। इस संघर्ष में हम पूरे सहभागी होकर क्या कर सकते है? मैं एक संकल्प के साथ आप लोगों से जुड़कर एक बात कहना चाहता हूं कि मां सरस्वती की जब तक प्रतिमा यहां नहीं आती हम किसी भी रूप में जन्मदिवस नहीं मनाएंगे, जब तक मां वाग्देवी की प्रतिमा यहां नहीं आती।



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