जिले को मिलेगी 500 बेड वाले नए अस्पताल की सौगात, आएगा 100 करोड़ का खर्च


112 से अधिक साल पुरानी बिल्डिंग है वर्तमान जिला अस्पताल की, अस्पताल बनाने के लिए 5-6 हेक्टेयर जमीन जरूरी।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Updated On :
dhar hospital

धार। जिले का 112 वर्ष पुराना जिला अस्पताल अब खुद बूढ़ा हो चला है। अंग्रेजों के शासनकाल में बनी इस बिल्डिंग की मरम्मत पर लाखों रुपये हर साल खर्च कर उसके अंदर अस्पताल संचालित किया जा रहा है।

लेकिन जैसे-जैसे अस्पताल पर मरीजों का लोड बढ़ा है, उस स्थिति में अब भविष्य में इन पुरानी बिल्डिंगों में अस्पताल संचालन का काम काफी चुनौतीपूर्ण रहेगा। इस कारण नया अस्पताल बनाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

इन दिनों जिला अस्पताल में 500 बेड का नया जिला अस्पताल बनाने की फाइल तैयार होने की बात सामने आई है। फर्स्ट स्टेज के तहत नए 500 बेड के अस्पताल के लिए 6 हेक्टेयर जमीन की तलाश की जा रही है।

नौगांव स्थित कृषि विभाग की 5.5 हेक्टेयर जमीन भी देखी गई है। कुछ अन्य पॉइंट को भी तलाशा जा रहा है। अस्पताल के लिए यदि उपयुक्त जमीन मिल जाती है तो भविष्य की जरूरतों के हिसाब से नए अस्पताल के लिए डीपीआर आदि पर काम शुरू हो जाएगा।

फिलहाल जमीन की तलाश काफी तेज गति से हो रही है। इस काम का जिम्मा मप्र हाऊसिंग बोर्ड धार डिविजन को मिला है।

100 करोड़ खर्च का अनुमान –

यदि जमीन फाइनल हो जाती है तो नए भवन और अत्याधुनिक अस्पताल को बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। करीब पांच माह पहले अस्पताल को भविष्य के हिसाब से संवारने के लिए वर्तमान जिला अस्पताल का ही मास्टर प्लान बनाने के लिए सर्वे करवाया गया था।

अस्पताल परिसर में 3.5 हेक्टेयर जमीन ही है। ऐसे में बेड की संख्या बढ़ाने के लिए जगह उपयुक्त नहीं होने के कारण नया विकल्प तलाशा जा रहा है।

पीपीपी मोड पर बनाने की चर्चा –

नया जिला अस्पताल बनाने के लिए पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर चर्चा की गई है। बुधवार-गुरुवार को प्रशासन, हाऊसिंग बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग की बैठकें भी इस मुद्दों को लेकर हुई है।

इसमें वर्तमान अस्पताल की जमीन के बदले नया अस्पताल बनाने के लिए चर्चा हुई है। हालांकि इसकी पुष्टि वरिष्ठ अधिकारियों ने नहीं की है।

सन 1863 में बना था भवन –

वर्तमान धार जिला अस्पताल 3.5 हेक्टेयर में फैला हुआ है। वर्ष-1863 में तत्कालीन धार महाराज ने जिला चिकित्सालय की स्थापना की थी जबकि भवन का 1912 में शिलान्यास अंग्रेज शासन के दौरान एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल के नाम पर हुआ था।

वर्तमान में इसी बिल्डिंग में ओपीडी संचालित होती थी। इसके आसपास कई अन्य बिल्डिंग भी बनाई गई जो लगभग 112 वर्ष पूरे कर चुकी है।

खास-खास

  • 18000 मरीजों की है ओपीडी।
  • 650 प्रसव होते है हर माह।
  • 300 बेड है जिला अस्पताल
  • 20 बेड आइसीयू में है।
  • 80 बेड पर ऑक्सीजन कनेक्टिविटी।
  • 38 बेड कोविड आईसीयू में।
  • 07 बेड की है डायलिसिस यूनिट।
  • 27 नियमित डॉक्टर।
  • 02 दंत चिकित्सक।

स्टाफ की स्थिति –
श्रेणी – स्वीकृत पद -कार्यरत पद- रिक्त पद

प्रथम श्रेणी – 39 – 6 – 33
द्वितीय श्रेणी – 31 – 35 – 0
तृतीय श्रेणी – 263 – 171 – 84
चतुर्थ श्रेणी – 71 – 36 – 43
योग – 412 – 256 – 160

इन यूनिट की दरकार –

  1. कायाकल्प अभियान के दौरान कई तरह की कमियां सामने आई। इनमें मुख्य ईटीपी प्लांट था। इस प्लांट की मदद से अस्पताल का गंदा पानी ट्रीटमेंट प्लांट के जरिये ठीक कर उसे नालियों में बहाया जाता है ताकि संक्रमण का खतरा न रहे।
  2. एडवांस बर्न यूनिट की अस्पताल में आवश्यकता है। बर्न यूनिट काफी खराब स्थिति में है। बर्न यूनिट के नाम पर एक वार्ड ही है जबकि मशीनों की भी दरकार है।
  3. ऑटोमैटिक लॉन्ड्री सर्विस की भी अस्पताल को आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में लॉन्ड्री सर्विस की सेवाएं अस्पताल प्राइवेट सेक्टर से ली जा रही है।
  4. अस्पताल के पास खुद का सिविल सर्जन ऑफिस भी नहीं है।

– हमने पिछले 6 माह पूर्व 500 बेड के नए जिला अस्पताल का प्रस्ताव शासन को भिजवाया था। जो भी निर्णय होना है वह शासन स्तर पर होना है। हम नए अस्पताल के लिए प्रयासरत हैं – डॉ. एमएल मालवीय, सीएस, जिला अस्पताल, धार



Related