282 करोड़ का जमीन घोटालाः 16500 पेजों का चालान तैयार, दीपावली बाद कोर्ट में पेश करेगी पुलिस


एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने जांच के लिए गठित एसआईटी के साथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस। एसआईटी ने 180 साक्षियों के कथन और ग्वालियर, इंदौर सहित धार के राजस्व कार्यालयों से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर किया है तैयार।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
dhar land scam update

धार। जिले के सबसे बड़े जमीन घोटाले में धार पुलिस ने अब चालान पेश करने जा रही है, लेकिन इस चालान को बनाने में पुलिस को खासी मशक्कत करना पड़ी है। तीन माह में तैयार हुए केस की पूरी जानकारी 16 हजार 500 पेजों में एकत्रित की गई है।

केस की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी ने 180 साक्षियों के कथन और ग्वालियर, इंदौर सहित धार के राजस्व कार्यालयों से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर इसे तैयार किया है।

एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने रविवार को चालान को लेकर बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस केस से जुड़ी हर जानकारी साझा की। मीडिया में जमीन को लेकर चलाई जा रही 282 करोड़ रुपये की कीमत को लेकर शुरुआत से जमीन से जुड़े घोटालेबाज सवाल उठा रहे थे।

रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आधिकारिक तौर पर पुलिस ने राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर इस सेंट टैरेसा कंपाउंड की कीमत 282 करोड़ रुपये बताई है जबकि पंजीयक विभाग की सरकारी गाइडलाइन अनुसार भी इस जमीन का मूल्य 151 करोड़ रुपये आंका गया है।

वर्ष 1927-28 का रिकॉर्ड –

इस मामले में पुलिस ने सेंट टेरेसा कंपाउंड का रिकॉर्ड निकालने के लिए ग्वालियर तक की दौड़ लगाई। सबसे अहम दस्तावेज वर्ष 1927-28 की मिसल यानी राजवाड़ा अभिलेखागार से प्राप्त दस्तावेज बना, जिसमें जमीन शासकीय दर्ज है।

इसके अलावा वर्ष 1958-59 से लेकर वर्ष 2022 तक हर वर्ष जमीन की बदलती स्थिति गूगल मैप के जरिये निकलवाकर चालान में शामिल की है। इसे मंगवाने के लिए कनाडा तक पुलिस को मेल भेजने पड़े। साथ ही दस्तावेजों को भी रिकॉर्ड के तौर पर चालान में रखा है।

अब भी पुलिस की जांच जारी –

धार पुलिस ने इस मामले में पहली बार 29 नवंबर 2021 को केस दर्ज किया था। इसमें 27 आरोपियों को नामजद लिया गया। इसके बाद जांच शुरू हुई तो आरोपियों की संख्या 32 तक पहुंच गई।

इसमें कई बड़े रसूखदार नाम जेल गए। अब भी इस मामले में जांच जारी है और भगोड़े मास्टरमाइंड सुधीर जैन, पत्नी आयुषी जैन और साला अंकित वड़ेरा की तलाश पुलिस को है।

जैन दंपत्ति की संपत्ति कुर्क –

भगोड़े मास्टरमाइंड सुधीर जैन के फरार होने के बाद धार पुलिस कोर्ट पहुंची और जैन की संपत्तियां कुर्की की कार्रवाई के लिए आवेदन किया था। इस पर कोर्ट ने संपत्ति कुर्की के आदेश जारी किए और भगोड़े जैन की पांच संपत्ति काशीबाग कॉलोनी स्थित मकान, कोर्ट रोड स्थित कर्मिशियल कॉम्प्लेक्स, 0.315 हेक्टेयर कृषि भूमि, शांतिकुंज कॉलोनी स्थित मकान व जैतपुरा-मगजपुरा में मौजूद जमीन को कुर्क किया जा चुका है।

यह है मामला –

दरअसल तत्कालीन धार महाराज आनदं राव पंवार तृतीय द्वारा डॉक्टर मार्गरेट ओहरा को ग्राम मगजपुरा स्थित भूमि सर्वे नंबर 29 कुल रकबा 12 बीघा 11 बिस्वा 3.074 हेक्टेयर जमीन वर्ष-1897 में अस्पताल निर्माण व डॉक्टर्स बंगले व अस्पताल के कर्मचारी निवास के लिए दिए थे।

सरकारी अभिलेखाकार में संरक्षित धार रियासतकाल के पुराने राजस्व अभिलेखों की जांच पड़ताल से पता चला कि मिस ओहरा के विदेश लौटने के बाद जमीन राजस्व अभिलेखों में सरकारी दर्ज हुई। यहां संचालित होने वाले हॉस्टिपल के मैनेजर के तौर पर डॉ. रत्नाकर पीटरदास की नियुक्ति हुई थी।

ये बनाए गए हैं आरोपी –

सेंट टेरेसा जमीन घोटाले में धार पुलिस ने मुख्य आरोपी सुधीरदास उर्फ बनीदास पिता रत्नादास पीटरदास, शालिनी सुधीर दास, सुधीर जैन, आयुषी जैन, विवेक तिवारी, विकास पिता प्रकाशचंद्र जैन, पुण्यपाल जैन, सुनील जैन, जगदीश जांगड़े, विक्रम गुंजाल, संजय शुक्ला, रचना संजय शुक्ला, सरिता जैन, पिंकी यादव, अंजू सुनील जैन, अखिलेश शर्मा, सिद्धार्थ जैन, मोहम्मद शहजाद, विदुषी विवेक तिवारी, विनय मनोहर, संजय मनोहरलाल, संजय गंगवाल, अपर्णा दीक्षित, आनंद दीक्षित, शाहिन खान, जावेद अंजूम, राधेश्याम मुकाती, शैलेंद्र तोरने, सतीश जार्ज, योगेश अग्रवाल, चंद्रेश कुमार गुप्ता, राकेश पटवा, नवीन जाधव को आरोपी बनाया है।

जांच के लिए बनी दो एसआईटी –

इस महाघोटाले की जांच के लिए एसपी सिंह ने दो एसआईटी बनाई थी। जांच के लिए एएसपी देवेंद्र पाटीदार के नेतृत्व में सीएसपी देवेंद्र धुर्वे, डीएसपी यशस्वी शिंदे, टीआई कोतवाली समीर पाटीदार, एसआई सुभाष सुल्या, बीपी तिवारी, एएसआई भेरूसिंह देवड़ा, साइबर सेल के प्रशांत चौहान को शामिल किया गया था।

इसी तरह गिरफ्तारी के लिए डीएसपी यशस्वी शिंदे, टीआई कोतवाली समीर पाटीदार, टीआई कानवन दीपक सिंह चौहान, टीआई पीथमपुर सेक्टर-1 लोकेंद्र सिंह भदौरिया, टीआई घाटा बिल्लौद प्रतीक शर्मा, आरक्षक शुभम शर्मा, महिला आरक्षक रूकमणी विश्वकर्मा को शामिल किया गया था।



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