
धार जिले के तिरला ब्लॉक अंतर्गत घोड़ाबाब गांव में वन विभाग की कथित मनमानी और हिंसात्मक कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। रविवार को हुई इस घटना में रेंजर महेश अहिरवार पर गंभीर आरोप लगे हैं। ग्रामीणों ने दावा किया कि निजी भूमि पर जुताई कर रहे एक ट्रैक्टर को जबरन जब्त किया गया, विरोध करने पर ट्रैक्टर मालिक और परिजनों के साथ मारपीट की गई और बंदूक निकालकर जान से मारने की धमकी दी गई। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान दो ग्रामीण घायल हो गए, जिनमें एक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
निजी भूमि पर कार्रवाई से भड़के ग्रामीण
घटना की शुरुआत उस वक्त हुई जब गांव के एक किसान अपने खेत में ट्रैक्टर से जुताई करा रहा था। तभी रेंजर महेश अहिरवार अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे और बिना दस्तावेज जांचे ट्रैक्टर को वन भूमि में चलने का आरोप लगाते हुए जब्त करने लगे। ग्रामीणों ने जब उन्हें रोका और दस्तावेज दिखाने की बात कही तो उन्होंने न केवल दस्तावेज देखने से इनकार किया, बल्कि गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी।
ट्रैक्टर मालिक के बेटे का आरोप है कि उनके पिता पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश भी की गई, जिससे वह बाल-बाल बचे। वहीं, रेंजर ने बंदूक निकालकर गोली डालने की कोशिश की, लेकिन निशाना लगाने में चूक हो गई। जिसे देखकर परिजन और ग्रामीण घबरा गए और मौके से भाग खड़े हुए।
भारी पुलिस बल के बीच ग्रामीणों का प्रदर्शन
ट्रैक्टर जब्त कर वन विभाग कार्यालय ले जाया गया, जिसकी खबर मिलते ही लगभग 50 से ज्यादा ग्रामीण धार कार्यालय पहुंचे। उन्होंने वहां जमकर नारेबाजी की और रेंजर व डिप्टी रेंजर पर रिश्वत मांगने, शराब के नशे में होने और ग्रामीणों से अभद्र व्यवहार करने के आरोप लगाए। कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अधिकारी उनसे मुर्गे की मांग करते हैं और दबाव बनाते हैं।
वहीं, वन विभाग कार्यालय में दो घंटे तक चली बहस और तनातनी के बाद भी कोई हल नहीं निकला। एसडीओ मौके पर पहुंचे और नक्शा बुलाकर विवादित भूमि की स्थिति देखने की बात कही। हालांकि, ग्रामीणों का कहना था कि वे अपने दस्तावेज साथ लाए थे, जिन्हें किसी ने नहीं देखा। इसके बाद गुस्साए ग्रामीण ट्रैक्टर को खुद स्टार्ट कर कार्यालय से लेकर निकल गए।
अधिकारी और रेंजर के बीच पूर्व विवाद भी सामने आए
जानकारी के अनुसार, रेंजर महेश अहिरवार का यह पहला विवाद नहीं है। उनके ऊपर पहले भी कई बार आरोप लग चुके हैं। कभी डीएफओ से विवाद तो कभी अन्य स्टाफ के साथ बहस के मामले सामने आए हैं। एक बार देवजी रोड पर एक राहगीर को गाड़ी से टक्कर मार दी थी, जिसमें उसका पैर टूट गया था। बताया जा रहा है कि रेंजर अकसर कार्यालय न जाकर घर से ही काम करते हैं और धार में पदस्थापना के दौरान वे एक बार निलंबित भी हो चुके हैं।
🔹 वन विभाग का पक्ष
इस मामले में जब वन विभाग से संपर्क किया गया तो डीएफओ अशोक कुमार सोलंकी ने कहा, “अगर ट्रैक्टर अतिक्रमण क्षेत्र में चल रहा था तो हमने विधिसम्मत कार्रवाई की है। घटना के संबंध में जो भी आरोप लगे हैं, उनकी भी विधिवत जांच करवाई जाएगी।”
वहीं, रेंजर महेश अहिरवार ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ट्रैक्टर कक्ष क्रमांक 130 में चल रहा था, जो वन भूमि है। कार्रवाई पूरी तरह नियमानुसार की गई है, और ग्रामीण झूठे आरोप लगा रहे हैं।
🔹 ग्रामीणों की मांग
घटना के बाद ग्रामीणों ने स्पष्ट तौर पर मांग की है कि रेंजर महेश अहिरवार को तत्काल निलंबित किया जाए और इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि न्याय नहीं मिला तो वे सामूहिक रूप से धरना प्रदर्शन करेंगे और मामले को जिला कलेक्टर व शासन स्तर तक पहुंचाएंगे।