ब्लैक फंगस के पहले ही रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दें, होम्योपैथिक चिकित्सा में कई दवाएं


ब्लैक फंगस की बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बीमारी को नियंत्रित करने को लेकर सावधानी बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अपने स्तर पर हाइजीन का विशेष रूप से ध्यान रखें।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। पूरे देश में ब्लैक फंगस की बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बीमारी को नियंत्रित करने को लेकर सावधानी बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज अपने स्तर पर हाइजीन का विशेष रूप से ध्यान रखें।

साथ ही आयुष प्रणाली के तहत होम्योपैथिक चिकित्सा में ऐसी दवाइयां हैं, जिससे कि इम्युनिटी को बढ़ाया जा सकता है। ऐसी दवा का उपयोग तुरंत किया जाए। इससे यह बीमारी किसी भी स्तर पर किसी को जकड़ नहीं सकती है।

यह बात शनिवार को आरोग्य सेवा संस्थान के जागरूकता कार्यक्रम में होम्यापैथिक चिकित्सा महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. आशुतोष मकवाना ने ऑनलाइन चर्चा में अपने विद्यार्थियों व जूनियर डाक्टरों से कहीं।

डॉ. मकवाना ने बताया कि आम के अंदर काली फंगस दिखाई देती है। टमाटर को लंबे समय तक लापरवाहीपूर्वक रखा जाए तो उसमें भी ब्लैक फंगस देखने को मिलती है। यही ब्लैक फंगस सबसे बड़ी समस्या का विषय बनी हुई है।

यह फंगस वातावरण व मिट्टी में भी मौजूद रहती है, लेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होने से यह बीमारी सामान्य व्यक्ति को नहीं होती है। उन्होंने बताया कि कमजोर इम्युनिटी वाले शरीर में यह ब्लैक फंगस बहुत तेजी से नुकसान करती है।

शुगर के मरीजों व कोविड का इलाज लेने वालों को समस्या आ रही है। वर्तमान में यह बीमारी जानलेवा बन गई है और इससे मृत्यु दर बढ़ रही है। कई लोगों की आंखों को निकालना पड़ा है जिससे कि वह जीवन भर के लिए दृष्टिहीन हो गए हैं।

डॉ. मकवाना ने अपने विद्यार्थियों को उसके लक्षणों के बारे में जानकारी दी। इस कार्यशाला में आम लोगों को भी जोड़ा गया था। इसमें उनकी जिज्ञासा को शांत किया गया। इस अवसर पर दिव्या गावर, शुभम बारोट, रुपल गावर, विराज पटेल आदि द्वारा किए गए प्रश्नों के उत्तर डॉक्टर मकवाना ने दिए।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा आयुष विभाग के माध्यम से ब्लैक फंगस में भी होम्योपैथी को महत्व दिया गया है। डॉ. मकवाना ने बताया कि होम्योपैथी प्रणाली के जिम्मदार लोग अपनी सेवाएं देकर मरीजों को राहत दे सकते हैं।

सबसे अहम बात यह कि जब व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होता है तो रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की स्थिति बनती है इसलिए जरूरी है कि बहुत पहले से ही इम्युनिटी बूस्टर यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की होम्योपैथिक प्रणाली की दवाइयां लें।

इससे ब्लैक फंगस से ग्रसित होने से बचा जा सकता है। होम्योपैथिक चिकित्सक और विद्यार्थी अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए आगे आ रहे हैं। लोगों को सही सलाह देकर बीमारी व उसके प्रति डर से मुक्त करें।



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