धार नगरपालिका में डीजल खपत की फर्जी एंट्री कर निकाले लाखों रुपये


आरटीआई एक्टिविस्ट सुनील सावंत ने दी जानकारियां, आदर्श सड़क पर डेल्टिनेटर लगाने के नाम पर भी हुआ लाखों का फर्जीवाड़ा।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। नगरपालिका पर एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इस मर्तबा डीजल खपत के नाम पर फर्जीवाड़े सहित डेल्टिनेटर व अन्य वस्तुओं को लगाने के नाम पर लाखों का भ्रष्टाचार सामने आया है।

आरटीआई कार्यकर्ता सुनील सावंत ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस के सामने रखा है। इसमें वाहनों की लॉगबुक में दर्ज एंट्रियों के माध्यम से बताया गया है कि निकाय के वाहनों से डीजल खपत दिखाने के लिए किस तरह मनमानी एंट्रियां आने-जाने की दर्ज करते हुए बिल पास किए गए हैं।

शहर की छोटी कॉलोनी अन्नपूर्णा एवं शुक्ला कॉलोनी में एक-एक दिन में 12-12 हजार लीटर के 10-10 टैंकर पानी डालना बताया गया है। कहीं-कहीं पर एक दिन में 15 से 20 टैंकर पानी डाले गए हैं।

इस बाबत आरटीआई कार्यकर्ता सावंत ने कहा कि इन कॉलोनियों में एक दिन में इतने पानी की आवश्यकता नहीं होती है। महज लॉगबुक में वाहन कॉलोनी में जाने के दौरान डीजल खपत दिखाने के लिए इस तरह की एंट्री डाली गई है।

लॉगबुक भरने में भी गलतियां की गई हैं। जहां 10 टैंकर पानी डले हैं वहां कहीं 6 ट्रिप और 8 ट्रिप का डीजल खर्च होना बताया गया है। कई वाहन तीन किलोमीटर प्रति लीटर का एवरेज दे रहे हैं।

खुली आंखों में धूल झोंककर हुआ डेल्टिनेटर घोटाला –

शनिवार को निज निवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सावंत ने बताया कि आदर्श सड़क पर डिवाइडरों के मध्य डेल्टिनेटर लगाए गए थे। घोड़ा चौपाटी से इंदौर नाके तक डेल्टिनेटर पर 5 लाख के लगभग राशि खर्च की गई है। इसमें भी फर्जीवाड़ा किया गया है।

त्रिमूर्ति नगर से इंदौर नाके तक डिवाइडरों के दोनों ओर जालियां लगी हुई हैं। जालियां 4-5 वर्ष पूर्व लगाई गई थीं और यह अभी भी लगी हुई हैं, लेकिन यहां भी डेल्टिनेटर लगाना बताया गया है।

5 लाख के काम में 2 से 3 लाख रुपये का घोटाला किया गया है। यह शासन और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने वाला मामला है। आश्चर्य है कि इतना सब होने के बावजूद प्रशासन स्तर पर जांच भी नहीं कराई जा रही है।

इस तरह समझें डीजल का खेल –

सावंत ने बताया कि लॉगबुक में वाहनों के विभिन्न कामों से आने-जाने को लेकर जो एंट्रियां दर्ज की गई हैं, उसका कोई भी विश्वास नहीं कर सकता है। यह सीधे-सीधे इशारा है कि खपत दिखाने के लिए फर्जी एंट्रियां डाली गई हैं।

लॉकडाउन के दौरान घोड़ा चौपाटी से इंदौर नाके तक डिवाइडरों के मध्य बड़े टैंकरों से पानी डालना दिखाया गया है। इसी तारीख में इसी सड़क के डिवाइडरों में लगे पौधों में दो अलग-अलग टैंकरों के माध्यम से त्रिमूर्ति नगर से घोड़ा चौपाटी और इंदौर नाके से त्रिमूर्ति नगर तक पानी डालना बताया गया है।

बड़ा टैंकर करीब 12 हजार लीटर का होता है। इस तरह तीन वाहनों के माध्यम से पानी देना दर्शाकर 10 से 15 लीटर डीजल खर्च होना बताया गया है। यह महज उदाहरण है।

इस तरह की दर्जनों एंट्रियां हैं जिससे स्पष्ट होता है कि कैसे वाहनों को सड़क पर दौड़ना दिखाकर डीजल बिल पास किए गए हैं। यह एक दिन नहीं हुआ बल्कि लगातार इस तरह एक ही जगह पर तीन-तीन वाहनों के काम में लिप्त होने और डीजल खर्च होने के बिल भुगतान किए गए हैं।

लोकायुक्त में भेजा प्रकरण –

सावंत ने आरोप लगाया कि डीजल खपत को लेकर दर्ज एंट्रियों की ओर ध्यानाकर्षण करने का मुख्य उद्देश्य जनता को सचेत करना था। इस मामले में जो दस्तावेज जुटाए गए हैं उसको लेकर लोकायुक्त में शिकायत दर्ज कराई जाएगी।

डेल्टिनेटर के नाम पर किए गए फर्जीवाड़े को लेकर एक शिकायत लोकायुक्त को प्रेषित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई पूर्व सीएमओ के विरुद्ध नहीं है बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ है।

इसके बावजूद जानकारी ना मांगने को लेकर दबाव बनाने के लिए नगरपालिका में उनको घेरकर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की गई थी जिसे मीडिया ने असफल कर दिया है।

उन्होंने आशंका जताई कि डीजल घोटाले को लेकर जानकारी सामने आने के बाद उनके ऊपर इस मामले में लिप्त लोग झूठी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

जनता का हक पूछे यह सवाल –

सावंत ने कहा कि मुख्यालय की नगरपालिका पिछले 5-6 महीने से सीएमओ विहीन है। यहां पर स्थायी सीएमओ क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। लेखापाल विजय कुमार शर्मा का पीथमपुर स्थानांतरण होने के बावजूद उन्हें रिलीव क्यों नहीं किया जा रहा है।

नगरीय एवं प्रशासन विकास विभाग ने स्पष्ट आदेश दिए हैं कि जहां सीएमओ नहीं है वहां नजदीक की नगरपालिका के सीएमओ को प्रभार दिया जाए या निकाय के ही राजस्व अधिकारियों को प्रभार दिया जाए, ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है।

सावंत द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं उसकी निकाय स्तर पर जांच कराई जाएगी। यदि कोई दोषी है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। डेल्टिनेटर डिवाइडरों के मध्य सभी जगह लगाए गए थे, लेकिन असामाजिक तत्व उन्हें उखाड़कर ले गए। शहर में असामाजिक तत्वों ने डस्टबिन भी गायब की है। इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों से निर्देश लेकर थाने में शिकायत दर्ज कराई जाएगी।

– विजय कुमार शर्मा, पूर्व सीएमओ व वरिष्ठ नपाकर्मी, धार



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