जमीन घोटालाः शासन ने रजिस्ट्री शून्य के लिए लगाया दीवानी वाद


आरोपियों के वकील ने कहा था कि यह दीवानी मामला है। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पुलिस ने पुन: मांगा नपा इंजीनियर का रिमांड, कोर्ट से 5 दिन का रिमांड मिला। सुधीर के मददगार नीमच के रिश्तेदार पर पुलिस ने किया प्रकरण दर्ज, कोर्ट ने भेजा जेल।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। जनकल्याण हितार्थ लीज पर दी गई भूमि की अफरा-तफरी मामले में पुलिस रिमांड पर चल रहे वर्तमान में पीथमपुर में पदस्थ और नपा धार के पूर्व इंजीनियर सुधीर ठाकुर को कोर्ट में पेश किया गया।

पुलिस ने आरोपी ठाकुर से पूछताछ के लिए पुन: रिमांड की मांग की थी। कोर्ट ने पुलिस की मांग पर 2 जनवरी तक करीब 5 दिन का रिमांड स्वीकृत किया है। बुधवार को पुलिस ने कोर्ट में ठाकुर के साथ राकेश पटवा नाम के युवक को भी पेश किया था।

नीमच निवासी पटवा फरार आरोपी सुधीर शांतिलाल का रिश्तेदार है। फरारी अवधि के दौरान इसकी भूमिका सुधीर के मददगार के तौर पर पाई गई है। पुलिस ने इन पर प्रकरण दर्ज कर लिया है।

सिविल वाद दायर –

भूमि अफरा-तफरी मामले में पुलिस के बाद अब प्रशासन भी एक्टिव हो गया है। कुछ दिनों पूर्व न्यायालय में विवादित भूमि पर एक साथ की गई करीब 14 रजिस्ट्रियों को शून्य घोषित करने के लिए दीवानी वाद दायर किया गया है।

इधर एक सप्ताह पूर्व धार में आरोपियों का पक्ष रखने हेतु उच्च न्यायालय से आए अधिवक्ताओं ने भी इसे सिविल नैचर का केस बताया था। कोर्ट से दीवानी वाद में पक्ष रखने के लिए संबंधितों को नोटिस जारी किए जाएंगे। इसके बाद सभी पक्षों के तर्क से सहमत होने के बाद रजिस्ट्री शून्य को लेकर कोर्ट से निर्णय आ पाएगा।

सुधीर की गिरफ्तारी पर जोर –

भूमि अफरा-तफरी मामले में करीब 12 आरोपी अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। इसमें मुख्य आरोपियों में शामिल सुधीर शांतिलाल प्रमुख है। सुधीर इस पूरे प्रकरण के 4 मुख्य आरोपियों में एक है। सुधीर के प्रत्येक मददगार की जानकारी जुटाई जा रही है।

इसी कारण पुलिस ने सुधीर के व्यावसायिक मित्र मनोज वर्मा को पिछले 3 दिन से पूछताछ के लिए कोतवाली में बैठा रखा है। मनोज से सुधीर के मित्रों और रिश्तेदारों की जानकारी जुटाई जा रही है। दरअसल मनोज से सुधीर के कई रिश्तेदारों ने भूमि विवाद संबंधित हालातों के बारे में चर्चा की थी।

इसके बाद पुलिस ने मनोज को उठाया था। फिलहाल रिश्तेदारों से चर्चा के अतिरिक्त मनोज की सीधे सुधीर शांतिलाल को मदद पहुंचाने व चर्चा को लेकर कोई लिंक नहीं मिली है। संभावना है कि शब्बीर बोहरा की तरह मनोज को भी जरूरी पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा।



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