रक्षाबंधन के अवसर पर रंग-बिरंगी राखियों से गुलजार हुए बाजार, शहर में लौटी रौनक


रक्षाबंधन के लिए महज गिने-चुने दिन शेष रह गए हैं, त्योहारी सीजन के चलते शहर के बाजार रंग-बिरंगी राखियों से गुलजार हो गए हैं। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रुप में मनाए जाने वाले इस त्योहार के लिए बहनों ने भाईयों के लिए राखी की तैयारियां करना शुरू कर दी हैं।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। इस बार कोरोना के साथ-साथ महंगाई की मार भी राखी के बाजार पर पड़ने लगी है। महंगाई का असर इस बार अन्य वस्तुओं के साथ राखियों की कीमतों पर भी दिखाई दे रहा है। हालांकि अभी बाजार में खरीदारी को लेकर तेजी नहीं है फिर भी राखियों की कीमतें इस बार बहनों को परेशान कर रही हैं।

20 से 40 प्रतिशत तक हुई कीमतों में वृद्धि के कारण अब राखियां कम से कम कीमत यानी 5 रुपये से लेकर 500 रुपये दर्जन तक पहुंच गई हैं। कुछ राखियों की कीमतें 200 रुपये तक हैं जबकि इस बार सोने की राखियां भी बाजार में 1 ग्राम से लेकर 10 ग्राम तक मिल रही हैं।

रक्षाबंधन के लिए महज गिने-चुने दिन शेष रह गए हैं, त्योहारी सीजन के चलते शहर के बाजार रंग-बिरंगी राखियों से गुलजार हो गए हैं। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रुप में मनाए जाने वाले इस त्योहार के लिए बहनों ने भाईयों के लिए राखी की तैयारियां करना शुरू कर दी हैं।

शहर के धानमंडी, एमजी रोड, जवाहर मार्ग व पिपली बाजार सहित अन्य जगहों पर दर्जनों से अधिक फुटपाथी व्यापारियों के द्वारा तरह-तरह की रंग-बिरंगी राखियां सजाई गई हैं।

रक्षाबंधन के त्योहार को ध्यान में रखते हुए दुकानदारों ने विभिन्न डिजाइनों व मांगों के अनुरूप राखियां बाजार में सजा रखे हैं। देर शाम से शहर के प्रमुख बाजार क्षेत्र में महिलाओं व युवतियों की चहल-पहल बढने लगी है।

बाजारों में दुकानों सहित फुटपाथ पर भी स्टॉलें लगाई गई हैं। राखी बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि इस बार के बाजार में देशी राखियों की ज्यादा बिक्री हो रही है, जिनमें रेशम राखी, कॉटन की राखी व हस्तशिल्प के द्वारा बनाई गई राखियों की ज्यादा मांग है।

डिब्बे बंद व म्यूजिकल राखी आकर्षण –

बाजार में ग्राहकों को लुभाने के लिए व्यापारियों के द्वारा सजावटी डिब्बे बंद राखियां व रेशमी व म्यूजिकल राखियों के दुकानों को सजा रखे हैं। राखी व्यापारी वैष्णव ने बताया कि युवतियों, महिलाओं के द्वारा डिब्बे बंद राखियों को ज्यादा पंसद किया जा रहा है। छोटे बच्चे कार्टून व म्यूजिकल राखी पंसद कर रहे हैं।

बाजार में राखियों की शॉपिंग करने आई अंजली नामक युवती ने बताया कि भाई बाहर रहते हैं, तो पहले से राखी खरीद कर कुरियर व स्पीड पोस्ट के द्वारा भेजते हैं जिससे रक्षाबंधन के ठीक समय पर भाई के पास राखी पहुंच जाती है।

राखी के साथ पूजन सामग्री भी उपलब्ध –

त्योहारी सीजन में ग्राहकों को लुभाने के लिए व्यापारियों के द्वारा राखी पैक भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। संपूर्ण राखी पैक के साथ पूजन की सामग्री जिसमें हल्दी, कुमकुम व रोली के पैक भी मार्केट में खास हैं।

शहर के बाजारों में दिल्ली, इंदौर, ग्वालियर राखी के निर्माण के लिए फेमस शहरों की राखियां दुकानदारों के द्वारा मगाई गई हैं। इस बार कोरोना व मंहगाई के कारण इनके भाव भी मंहगे हैं।

रेशम के धागे से लेकर हजार रुपये तक की राखियां –

भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन को मनाने के लिए युवतियों व महिलाओं के द्वारा बाजार से रेशम के धागे से लेकर सोने-चांदी के रोल युक्त महंगी राखियों तक की खरीददारी की जा रही है।

बदलते परिवेश व आधुनिक तकनीकी युग के दौर में शहर की युवतियों के द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग करके भी राखियां मंगाई जा रही है। राखी का व्यापार करने वाले व्यापारियों ने बताया कि बाजार में 5 रुपये के राखी की प्रारंभिक कीमत से लेकर हजारों रुपये तक के कीमत की राखी उपल्बध है जिसे ग्राहक अपने बजट के अनुरुप खरीदद रहे है।

कोविड 19 गाइडलाइन की उड़ रही हैं धज्जियां –

बाजार में कोरोना को लेकर व्यापारी वर्ग सतर्क नहीं है व नियमों की धज्जियां इन दिनों सबसे ज्यादा उड़ रही हैं। यहां खरीददार के साथ-साथ दुकानदारों और उनके सहायकों के मुंह पर भी मास्क नदारद है और जो दूरी बनाये रखना है वह भी बनाये नहीं रखी जा रही है।

अभी कोरोना का संक्रमण खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में जहां लोगों को समझदारी का परिचय देना चाहिए, वह नहीं दे पा रहे हैं। दुकानों पर सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था नहीं है और दुकानों पर आने वाले ग्राहकों को दुकानदारों द्वारा सैनिटाइज भी नहीं किया जा रहा है।



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