धार में अब नहीं मिलेगी शादी-ब्याह की इजाजत, धारा 144 के अंतर्गत आदेश जारी


सामाजिक (विवाह, सगाई इत्यादि), राजनैतिक/ खेलकूद/ मनोरंजन/ शैक्षणिक/ सांस्कृतिक, सार्वजनिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए लोगों का एकत्रित होना पूर्णतः वर्जित रहेगा। इसकी अनुमति किसी भी रूप में नहीं दी जाएगी।


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धार। सामाजिक (विवाह, सगाई इत्यादि), राजनैतिक/ खेलकूद/ मनोरंजन/ शैक्षणिक/ सांस्कृतिक, सार्वजनिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए लोगों का एकत्रित होना पूर्णतः वर्जित रहेगा। इसकी अनुमति किसी भी रूप में नहीं दी जाएगी।

जिला दंडाधिकारी आलोक कुमार सिंह ने मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग, मंत्रालय वल्लभ भवन, भोपाल के माध्यम से समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के परिपालन में दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए धार जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में जारी आदेश दिनांक से 30 अप्रैल तक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं।

जारी आदेश के तहत सामाजिक (विवाह, सगाई इत्यादि) / राजनैतिक / खेलकूद / मनोरंजन / शैक्षणिक / सांस्कृतिक /सार्वजनिक तथा धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के लिए लोगों का एकत्रित होना पूर्णतः वर्जित रहेगा। इसकी अनुमति किसी भी रूप में नहीं दी जाएगी।

धार जिले में इसके अतिरिक्त व्यवस्था लागू की गई है जिसमें केन्द्र सरकार के ऐसे कार्यालय, जो अत्यावश्यक सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं, को यह सलाह दी जाती है कि वह 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ कार्यालय चलायें।

अत्यावश्यक सेवाएं देने का कार्य करने वाले कार्यालयों को छोड़कर शेष कार्यालय 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ संचालित किये जायेंगे। अत्यावश्यक सेवाओं में जिला कलेक्ट्रेट, पुलिस, आपदा प्रबन्धन फायर, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, जेल, राजस्व, पेयजल आपूर्ति, नगरीय प्रशासन, ग्रामीण विकास, विद्युत प्रदाय, सार्वजनिक परिवहन, कोषालय आदि सम्मिलित हैं।

IT कंपनियों, BPO / मोबाइल कंपनियों का सपोर्ट स्टाफ एवं यूनिट्स को छोड़कर शेष निजी कार्यालय भी 10 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ही अपना कार्य संपादित करेंगे। उपरोक्त बिन्दु में 10 प्रतिशत के बंधन के कारण जो कर्मचारी कार्यालय नहीं आते हैं, वे Work From Home करेंगे।

ऑटो, ई-रिक्शा में दो सवारी, टैक्सी तथा निजी चार पहिया वाहनों में ड्रायवर तथा दो पैसेंजरों को (मास्क के साथ) यात्रा करने की अनुमति होगी। सभी मीडिया संबंधित कार्यालय 100 प्रतिशत क्षमता पर कार्य कर सकेंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेगा।

इस आदेश का उल्लंघन भारतीय दंड विधान की धारा 188 अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आवेगा। इसके संबंध में शेष आदेश एवं उसमें समय-समय पर दी गई छूट पूर्ववत लागू रहेगी। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त प्रतिबंधात्मक आदेश का उल्लंघन करेगा तो वह भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत अभियोजित किया जायेगा।



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