अब निजी स्कूलों को टक्कर देंगे शासकीय स्कूल, तैयार हो रहे स्मार्ट क्लास


जिले में 500 ऐसे स्कूलों का चयन किया है, जो कमजोर स्थिति में हैं। इन स्कूलों में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर स्मार्ट क्लास तैयार की जा रही है ताकि रिजल्ट बेहतर किया जा सके। अब तक जिले में 240 स्मार्ट क्लास सर्व शिक्षा अभियान बना चुका है जबकि शेष के लिए कवायद जारी है।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
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धार। कोरोना महामारी ने बच्चों को शिक्षा से दूर कर दिया है। स्कूलों के ताले नहीं खुल पा रहे हैं और सारी पढ़ाई मोबाइल पर सिमट कर रह गई है। ऐसे में सिर्फ प्राइवेट स्कूल भी मोबाइल पर पढ़ाई नहीं करवा पा रहे हैं तो सरकारी सिस्टम में पढ़ाई की कल्पना की जा सकती है।

इस महामारी के बीच धार जिले के सर्व शिक्षा अभियान ने बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिए अनूठा प्रयोग किया है। प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास तैयार किए जा रहे हैं।

इसके लिए जिले में 500 ऐसे स्कूलों का चयन किया है, जो कमजोर स्थिति में हैं। इन स्कूलों में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर स्मार्ट क्लास तैयार की जा रही है ताकि रिजल्ट बेहतर किया जा सके। अब तक जिले में 240 स्मार्ट क्लास सर्व शिक्षा अभियान बना चुका है जबकि शेष के लिए कवायद जारी है।

जिले में 3088 प्राइमरी और 853 मीडिल स्कूल हैं। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास तैयार किए जा रहे हैं। इसके लिए शाला निधि व सीएसआर फंड का उपयोग किया जा रहा है। धार शहर के ब्रह्माकुंडी स्कूल में भी स्मार्ट क्लास तैयार की गई है।

सर्व शिक्षा अभियान के एपीसी कमल सिंह ठाकुर ने बताया कि स्मार्ट क्लास में टीचिंग के लिए डिजिटल बोर्ड, प्रोजेक्टर, लैपटॉप, स्क्रीन, स्मार्ट टीवी, साउंड सिस्टम व टेबलेट की व्यवस्था की गई है जिससे बच्चों को एडवांस टीचिंग प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा।

लाइब्रेरी की सुविधा भी मिलेगी –

समग्र शिक्षा अभियान के तहत बच्चों के सामान्य ज्ञान, पाठयक्रम आधारित ज्ञान, विविध प्रकार की जानकारी एवं बच्चों की रीडिंग बढ़ाने के लिए प्रत्येक स्कूल में लाइब्रेरी भी बनाई जा रही है। लाइब्रेरी रूप में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर, रैक, बुक शेल्फ आदि स्थापित किए गए हैं। वर्तमान में 580 लाइब्रेरी तैयार हो चुकी है जबकि अन्य स्कूलों में लाइब्रेरी को लेकर काम जारी है।

सीएम से मिली थी सराहना –

धार सर्व शिक्षा अभियान का यह अनूठा प्रयोग नया नहीं है। इसके पहले भी स्कूलों को गोद लेकर कायाकल्प अभियान चलाया गया था। इसमें स्कूलों में रंग-रोगन के जरिये पेंटिंग, एजुकेशन प्रोग्राम की कलाकृतियां बनाई गईं थीं। बाकानेर में स्कूल का रंग-रोगन कर उसे किले का रूप दे दिया था जिसे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी रीट्वीट कर सराहा था।

पानी भी सहेज रहे स्कूल –

सर्व शिक्षा अभियान के एपीसी कमल ठाकुर ने बताया कि जिला पंचायत सीईओ आशीष वशिष्ठ के मार्गदर्शन में स्कूलों में बारिश के पानी को सहेजने के लिए काम किया गया है।

प्राइमरी व मीडिल स्कूलों में रूफ वाटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम के तहत जल सहेजने के लिए काम किया है। 509 स्कूलों में मनरेगा मद से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाए गए हैं जिससे बारिश का पानी सीधे जमीन में पहुंचे। इससे भूजलस्तर में सुधार होगा।

कलेक्टर की मेहनत लाई रंग –

धार कलेक्टर आलोक कुमार सिंह की मेहनत रंग लाई ओर उनके द्वारा सीएसआर फंड से अधिकांश स्कूलों में अनेकों कार्य करवाए गए जिससे बच्चों को स्कूलों में सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएं। जिले में सीएसआर फंड से जिले को उन्नत बनाने का काम भी जोरों से किया जा रहा है। कलेक्टर हर क्षेत्रों की विशेष रूप से योजना बनाकर उन पर कार्य करवा रहे हैं।

स्कूलों में स्मार्ट क्लास तैयार करवाई जा रही हैं। इससे बच्चों को फायदा होगा। स्मार्ट क्लास में पढ़ाने के लिए बाकायदा शिक्षकों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है।

– डीएस सेते, डीपीसी, सर्व शिक्षा अभियान, धार



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