पीथमपुर में अवैध कॉलोनियों के लिए पेड़ों की कटाई जारी, प्रशासन की लापरवाही उजागर 

आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :

पर्यावरण संरक्षण के कानूनों को ताक पर रखकर पीथमपुर में अवैध कॉलोनियों के निर्माण के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। बिना किसी वैध अनुमति के कई वर्षों पुराने पेड़ों को काटा जा रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों और पर्यावरण प्रेमियों में गहरा आक्रोश है।

पेड़ों की बलि: जयनगर में हरियाली का कत्ल

ताजा मामला जयनगर स्थित यूनिवर्सल टाउनशिप का है, जहां कॉलोनाइजर ने कॉलोनी निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई शुरू कर दी है। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस इलाके में कई दशकों पुराने पेड़ काटे गए हैं, और यह सब बिना किसी पर्यावरणीय मंजूरी के हो रहा है। वन विभाग और पर्यावरण संरक्षण एजेंसियों की अनुपस्थिति में, जमीन समतल करने और प्लॉट बेचने का कार्य धड़ल्ले से जारी है।

स्थानीय निवासी राधा सिंह का कहना है, “यहां के पेड़ों ने हमेशा वातावरण को ठंडा और स्वच्छ बनाए रखा है। लेकिन अब उनके कटने से पर्यावरण को भारी नुकसान होगा।”

भू माफिया सक्रिय, प्रशासन मौन

पीथमपुर में पिछले कुछ वर्षों में अवैध कॉलोनियों की बाढ़ आ गई है। भू माफिया भोले-भाले लोगों को प्लॉट का सपना दिखाकर पेड़ों और हरियाली की बलि चढ़ा रहे हैं। नगर पालिका और प्रशासन द्वारा इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

एक ओर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ताज ट्रेपेजियम जोन में पेड़ों की सख्त निगरानी हो रही है, तो दूसरी ओर पीथमपुर में प्रशासन की लापरवाही पर्यावरण संरक्षण के दावों की पोल खोल रही है।

कानून की अनदेखी

एडवोकेट आशीर्वाद जोशी के अनुसार, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और भारतीय वन अधिनियम, 1927 के तहत पेड़ों की कटाई के लिए वन विभाग की अनुमति अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे सजा और जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। परंतु पीथमपुर में कानून की इस खुलेआम अनदेखी पर प्रशासन की चुप्पी गंभीर सवाल खड़े करती है।

प्रशासन का रुख

इस मामले में एसडीएम प्रमोद गुर्जर ने कहा, “आपके माध्यम से जानकारी मिली है, अगर अवैध रूप से पेड़ों की कटाई हो रही है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि, स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन का ऐसा रवैया केवल कागजी कार्रवाई तक सीमित है।

हरियाली बचाने की अपील

पर्यावरणविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन और सरकार से इस मुद्दे पर तुरंत कदम उठाने की अपील की है। क्षेत्र में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

 



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