रबी की फसलों के लिए मौसम हुआ सुहाना, ओलावृष्टि हुई तो होगा नुकसान


किसान इस समय उम्मीद लगाए बैठे हैं कि यदि बारिश हो जाती है तो फसलों को काफी फायदा मिल जाएगा। इस समय यदि थोड़ी सी बारिश भी होती है तो यह फसलों के लिए अमृत के समान होगी।


आशीष यादव आशीष यादव
धार Published On :
dhar cold and field

धार। इस साल बार-बार मौसम में बदलाव हो रहा है। कभी बारिश तो कभी तेज गर्मी तो कभी सामान्य मौसम हो रहा है। पिछले 24 घंटे की बात करें तो हवा की रफ्तार तेजी से बढ़ी है। यह 3 से सीधे 6 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई।

एक बार फिर आसमान पर बादल दिखाई देने लगे हैं। इन घने बादलों के कारण हल्की बारिश भी हुई। यदि तेज बारिश होती है तो फसलों को काफी फायदा हो जाएगा।

इधर सोमवार को दिन में चार बार हवा की दिशा बदली लेकिन शाम के समय जब यह सीधे उत्तर से चलना शुरू हुई थी तो उससे फिर आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने की उम्मीद है।

मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी के अनुसार बारिश की संभावना बनी हुई है। प्रदेश में कई जगह ओले गिरने का अलर्ट भी है, लेकिन जिले में इस तरह की स्थिति नहीं है। यहां पर हल्की बारिश हो सकती है।

रात के तापमान में हुई बढ़ोतरी –

अब रात का तापमान बढ़ता जा रहा है। बादलों के कारण यह बढ़ोतरी देखी जा रही है। न्यूनतम तापमान जहां 13.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया तो वहीं अधिकतम तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। इस तरह से अभी रात के तापमान में और बढ़ोतरी हो सकती है। इससे आने वाले दिनों में सर्दी बढ़ सकती है।

रबी की फसलों को फायदा –

बारिश हुई तो फसलों को फायदा होगा। किसान इस समय उम्मीद लगाए बैठे हैं कि यदि बारिश हो जाती है तो फसलों को काफी फायदा मिल जाएगा। इस समय यदि थोड़ी सी बारिश भी होती है तो यह फसलों के लिए अमृत के समान होगी।

इस समय कई जगह किसान सिंचाई का काम भी कर रहे हैं। यदि बारिश होती है तो किसानों को काफी बचत भी हो जाएगी। जो खर्चा एक पानी देने में आता है, उसका फायदा हो सकता है।

ओलों से हो सकता है गेहूं-चने को खतरा –

अभी कई जगह प्रदेश में ओलों के गिरने का खतरा बताया जा रहा है। यदि ऐसा होता है तो इससे फसलों को काफी नुकसान हो सकता है। हालांकि जिले में इस तरह का कोई अंदेशा नहीं जताया गया है।

हवा भी 5 से 6 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चल रही है। यहां पर अभी बारिश की उम्मीद जताई गई है। इस समय ओलों से चना और गेहूं दोनों को नुकसान हो सकता है। यही नहीं सब्जियों का भी नुकसान होगा जबकि न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस के जाते ही पाला पड़ने लगेगा जिससे काफी नुकसान हो सकता है।

लगातार तेज हवा चलती रही तो बिगड़ेगा मौसम –

सुबह पूर्व से पश्चिम से चली हवा शाम को उत्तर और फिर पूर्व से चली। मौसम वैज्ञानिक ओमप्रकाश हरोड़ ने बताया कि सोमवार व मंगलवार को हवा की दिशा बार-बार बदली। सुबह पूर्व दिशा से चल रही थी। पश्चिम विक्षोभ के असर से ही बार-बार मौसम खराब हो रहा है। उन्होंने बताया कि 31 व 1 अप्रैल को मौसम खराब हो सकता है।

गेहूं की फसलों को फायदा –

ठंडक व बरसात से रबी की फसल को फायदा है क्योंकि पानी के साथ पौधों की जड़ों तक जाता है व ठंड से पौधे में अलग चमक रहती है। अभी अगली वैरायटी की गेहूं की फसलों में बालियों आ रही हैं इसलिए गेहूं में ठंडक का रहना आवश्यक है। वही अभी लोगों के खेतों में दूसरा-तीसरा पानी चल रहा है। मौसम ठंडा होने से भी फसलों की चमक अलग ही दिख रही है।

मौसम में बच्चों के लिए डॉक्टरी सलाह –

भींगने से बचें। गुनगुना पानी लें। सर्दी-खांसी में भाप तुरंत जरूरी। बच्चों के डॉक्टर राजेश शर्मा के अनुसार यह मौसम बच्चों के लिए अनुकुल नहीं होता है। अचानक ठंड कम होने का असर सीधे सेहत पर पड़ेगा। सर्दी-खांसी के मरीज बढ़ेंगे। खासकर छोटे बच्चे और बुजुर्गों को जुकाम से बचना होगा। इस मौसम में भींगने से बचना बेहद जरूरी है। बच्चों और बुजुर्ग को गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर सर्दी-खांसी हो तो भाप लेनी चाहिए।



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