वायु प्रदूषण से ट्रैफिक पुलिस के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए चार दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू

DeshGaon
इन्दौर Published On :
training program for air pollution

इंदौर। सड़कों पर ट्रैफिक के कारण होने वाला वायु प्रदूषण सेहत के लिए गंभीर खतरा है। लगातार इसके संपर्क में रहने से यातायात पुलिसकर्मियों के लिए जोखिम बढ़ जाता है।

इसे देखते हुए ‘स्वास्थ्य और वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव’ पर ट्रैफिक पुलिस के लिए चार दिन का जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसका उद्घाटन 4 मई को रीगल चौराहे के पास डीआईजी ऑफिस ट्रेनिंग हॉल में हुआ।

इस कार्यक्रम का आयोजन यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के सहयोग से चल रहे प्रोग्राम क्लीन एयर कैटेलिस्ट की ओर से वाइटल स्ट्रैटेजीज़ और इंदौर ट्रैफिक पुलिस विभाग ने किया है।

ट्रेनिंग के दौरान विशेषज्ञों ने इंदौर में पहचाने गए वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों के सेहत पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव लिंग, सामाजिक या आर्थिक स्थिति और उम्र के मुताबिक अलग-अलग हो सकते हैं।

indore traffice police

कार्यक्रम की सराहना करते हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि

मैं ट्रैफिक पुलिस विभाग और कैटलिस्ट को इस बेहद जरूरी प्रोग्राम के लिए बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि हम आपसी सहयोग से वाहनों प्रदूषण कम करते हुए शहर के नागरिकों और ट्रैफिक पुलिस साथियों के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।

पुलिस उपायुक्त (यातायात) मनीष कुमार अग्रवाल ने कहा कि

वायु प्रदूषण का हमारे यातायात पुलिस अधिकारियों के स्वास्थ्य के साथ-साथ हम जिन लोगों की सेवा करते हैं, उनके स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यह जरूरी है कि हम स्वच्छ हवा में सांस लें। प्रदूषण-मुक्त वातावरण से न केवल हमारे स्वास्थ्य को लाभ होगा बल्कि कार्य क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम मजबूत होगा।

ट्रेनिंग के दौरान विशेष अतिथियों के रूप में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर और एसीपी अरविंद तिवारी मौजूद थे।

indore traffice police training program

वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों और सावधानियों के बारे में वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट और कैटलिस्ट के सलाहकार डॉ. सलिल भार्गव ने कहा कि

लंबे समय तक वायु प्रदूषकों के संपर्क में रहने से सांस और हृदय संबंधी बीमारियों सहित कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यातायात पुलिस के लिए जोखिम ज्यादा है जो सड़क पर लंबा समय बिताते हैं, वाहनों के उत्सर्जन और अन्य वायु प्रदूषकों के संपर्क में आते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि इससे बचने के लिए मास्क लगाना, प्राणायाम और व्यायाम, शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा बनाए रखना पौष्टिक आहार और अपने स्वास्थ्य की नियमित जांच बेहद जरूरी है।

कैटलिस्ट जेंडर लीड अज़रा खान ने पुरुषों और महिलाओं पर वायु प्रदूषण के अलग-अलग प्रभावों पर जागरूकता बढ़ाने के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि

गर्भवती महिलाएं और उनके अजन्मे शिशु वाहनों के धुएं के प्रतिकूल प्रभावों को लेकर बेहद संवेदनशील होते हैं। यह दुष्प्रभाव तब और तेज हो जाता है जब महिला ट्रैफिक पुलिसकर्मी अपने घर के अंदर भी वायु प्रदूषण के संपर्क में आ जाती हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, मेघा नामदेव ने क्लीन एयर कैटलिस्ट प्रोजेक्ट का परिचय दिया। सौरभ पोरवाल और डॉ. निवेदिता बर्मन ने स्वच्छ वायु के महत्व, वायु प्रदूषकों और स्वास्थ्य पर इनके प्रभाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

क्लीन एयर कैटलिस्ट का परिचयः

क्लीन एयर कैटलिस्ट, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) के सहयोग से चल रहा कार्यक्रम है, जो वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट (डब्ल्यूआरआई) और एन्वायर्नमेंटल डिफेंस फंड (ईडीएफ) के नेतृत्व में विभिन्न संस्थाओं की वैश्विक साझेदारी है। 2020 में शुरू किया गया यह प्रोग्राम वायु प्रदूषण को रोकने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और लोगों की सेहत में सुधार करने वाले स्थानीय स्तर के उपायों के लिए क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। क्लीन एयर कैटलिस्ट के अन्य भागीदारों में कोलंबिया क्लाइमेट स्कूल, क्लीन एयर टूलबॉक्स फॉर सिटीज़, क्लाइमेट ऐंड क्लीन एयर कोअलीशन, इंटरन्यूज़, एमएपी-एक्यू, ओपन एक्यू और वाइटल स्ट्रेटजीज़ शामिल हैं।



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