बदलावः आंबेडकर जयंती में इस बार समता सैनिकों की बजाए महार रेजिमेंट देगी बाबा साहेब को गार्ड ऑफ ऑनर


संघ के हस्तक्षेप का आरोप, प्रशासन पहले की तरह सक्रिय नहीं इस बार समिति के हाथ में ज्यादातर काम


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
Ambedkar memorial Mhow

इंदौर। महू में डॉ. आंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जा रही है। यह आयोजन 13 और 14 अप्रैल को हो रहा है। इस बार यहां की पंरपरा में बदलाव किया गया है और आंबेडकर जयंती के दिन निकलने वाली शोभा यात्रा इस बार 13 अप्रैल को निकाली जाएगी। इस शोभायात्रा में भी बदलाव हुआ है और इस बार समता सैनिक दल की बजाए महार रेजिमेंट के रिटायर्ड अधिकारी और सैनिक इस मौके पर मार्च कर रहे हैं। समता सैनिक दल के लोग इस बदलाव से नाराज़ हैं और आरोप लगा रहे हैं कि समता सैनिक दल को आंबेडकर के कार्यक्रम से दूर करना उनकी विचारधारा से दूर करने का एक तरीका है।

महू का आंबेडकर स्मारक सजकर तैयार है। यहां इस बार दो लाख आंबेडकर अनुयायियों के आने का अनुमान है। इस बार तैयारियां कुछ अलग हैं। आंबेडकर स्मारक पर बुद्ध की प्रतिमा भी लगाई गई है जिसका उद्धाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 14 अप्रैल को करेंगे।

His urn kept in Mhow's Ambedkar Memorial
आंबेडकर स्मारक में रखा हुआ बाबा साहेब का अस्थिकलश

आंबेडकर इस समय में सबसे ज्यादा प्रासंगिक हैं। चुनावी साल उन्हें और भी ज्यादा ज़रुरी बना रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज और प्रदेश कांग्रेस के नेता हर साल ही यहां आते हैं और इस बार भी कमलनाथ यहां आ रहे हैं लेकिन इस बार उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जाट नेता जयंत चौधरी और दलित नेता चंद्र शेखर रावण भी पहुंच रहे हैं।  गुरुवार को अखिलेश इंदौर पहुंच गए।आंबेडकर जयंती पर महू में पहले भी बड़े नेता आते रहे हैं। इनमें राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदि कई बड़े नाम शामिल हैं।

आंबेडकर स्मारक समिति की ओर इस बार भी डोम स्मारक के ठीक सामने लगाया गया है। वहीं आंबेडकर अनुयायियों को सहूलियत देने की बात की गई है। ज़ाहिर है हजारों लोग स्मारक के सामने छांव में बैठेंगे इससे व्यवस्था बिगड़ने की बात कही जा रही है। वहीं कहीं दूसरे स्थान पर ठहरने के लिए कोई इंतज़ाम नहीं किया गया है।

वहीं इस बार सारा आयोजन समिति के सुपुर्द करने के भी आरोप लगाए जा रहे हैं। समिति के सदस्यों को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का करीबी माना जाता है और आरोप लगाया जा रहा है कि संघ इस तरह से आंबेडकर स्मारक पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।

दरअसल पहले समिति एक केयर टेकर की भूमिका में ही होती थी और सारा इंतज़ार प्रशासन के द्वारा किया जाता था लेकिन इस बार कई बड़े काम समिति ने अपने हाथ में ले लिये हैं और प्रशासन के अधिकारी भी बहुत सक्रिय नहीं हैं। जिस समय यह आयोजन हो रहा है उस समय महू में एसडीएम और तहसीलदार तक नहीं हैं। सबी अधिकारी इंदौर से आकर इंतजामों का जायजा ले रहे हैं।

पिछले दिनों इसे लेकर समिति के पूर्व सदस्यों और समता सैनिक दल से जुड़े लोगों ने प्रेस वार्ता भी की थी। इस वार्ता में मौजूदा समिति पर वित्तीय अनिमितता करने के आरोप भी लगाए गए और कहा गया कि समिति बाबा साहेब की विचारधारा के खिलाफ जाकर काम कर रही है।

 



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