सुप्रीम कोर्ट से मिली कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को ज़मानत


सुनवाई के दौरान जजों ने वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल के अनुरोध पर भी सहमति जताई, जिन्होंने उत्तर प्रदेश की अदालत द्वारा जारी प्रोडक्शन वारंट के तहत फारुकी की गिरफ्तारी  पर सुरक्षा देने के लिए अपील की थी।


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इन्दौर Published On :

इंदौर। स्टेंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। शुक्रवार को कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है। इंदौर हाईकोर्ट से जमानत न मिलने को लेकर फारूकी के वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी। फारूकी को  जस्टिस रोहिंटन नरीमन और बीआर गवई की पीठ ने कॉमेडियन को विज्ञापन अंतरिम जमानत दी है।

सुनवाई के दौरान जजों ने वरिष्ठ वकील सौरभ कृपाल के अनुरोध पर भी सहमति जताई, जिन्होंने उत्तर प्रदेश की अदालत द्वारा जारी प्रोडक्शन वारंट के तहत फारुकी की गिरफ्तारी  पर सुरक्षा देने के लिए अपील की थी। यह मामला अप्रैल 2020 का था। जिसमें उनके खिलाफ़ एक वीडियो के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

उल्लेखनीय है कि एक जनवरी को इंदौर में शो के दौरान  कुछ हिन्दूवादी दलों ने आयोजन स्थल पर हमला कर उनका शो बंद करवाया और मुनव्वर फारुकी के साथ मारपीट भी की। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने हिन्दू देवी-देवताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की हैं। उन पर हमला करने वाले दल का नेतृत्व हिंदू रक्षक नाम के एक संगठन के एकलव्य गौड़  कर  रहे थे। जो कि भारतीय जनता पार्टी की विधायक और इंदौर की पूर्व मेयर मालिनी गौड़ के बेटे हैं।

इसके बाद पुलिस ने फारूकी और उनके साथियों एडविन एंटनी, प्रकाश व्यास, प्रीतम व्यास और निलिन यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-A, 298, 269, 188 और 34 के तहत मामला दर्ज किया था।

हालांकि बाद में टीआई का यह बयान भी आया कि पुलिस के पास उस दिन रिकार्ड किया गया कोई ऐसा वीडियो नहीं है जिसमें मुनव्वर कोई अभद्र टिप्पणी करते हुए नज़र आ रहे हों। इसके बाद  यह मामला और उलझता गया। इंदौर जिला और हाईकोर्ट से मुनव्वर की याचिका कई बार खारिज की गई। जिसके बाद अब वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।



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