कमलनाथ ने कांग्रेस में ठेके व पट्ठों की राजनीति बंद कर दी है… साधो


पहले शहर अध्यक्ष ने गुटबाजी के चलते इस्तीफा दिया तो बाद में कांग्रेसी नेता मनमुटाव मिटाने की सीख देते रहे


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

महू (इंदौर)। कमलनाथ ने  प्रदेश काे एक नई दिशा देने का प्रयास किया है लेकिन  कुछ लोगों के कारण इस काम में परेशानियां भी आ रहीं हैं।  प्रदेश कांग्रेस में कमलनाथ ने अब  ठेके व पट्ठे की राजनीति बंद कर दी है। कांग्रेस में अब  जमीनी कार्यकर्ताओं को महत्व मिलने लगा है। हमें हर हाल में महू व प्रदेश में कांग्रेस को लाना है और यह कार्यकर्ताओं से ही संभव है।

यह बात शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मंथन बैठक मे पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मी साधो ने कही। यहां पर साधो ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को एकजुट रहने की सलाह दी। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि महू विधान सभा से कांग्रेस प्रत्याक्षी तीन बार हारा है वह हार प्रत्याशी की नहीं बल्कि हर एक कांग्रेसी कार्यकर्ता की है इसलिए अब हमें एक जुट होकर पार्टी के लिए काम करना होगा।

उन्होंने कहा कि भाजपा में संगठन ही शक्ति है वह चाहे चार साल आपसी विवादों में रहे लेकिन अंतिम एक वर्ष में जब
संगठन की सख्ती होती है तो सब एकजुट हो जाते हैं जबकि हमें स्वीकार करना होगा कि कांग्रेस मे ऐसा नहीं है।

हालांकि जिस समय वे कांग्रेसियों को एकजुटता की नसीहत दे रहीं थीं उससे ठीक पहले शहर कांग्रेस के अध्यक्ष महेश जायसवाल ने गुटबाजी के चलते इस्तीफा दे दिया था। बारह साल से अध्यक्ष पद पर काबिज जायसवाल अपनी उपेक्षा से नाराज थे। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव भेदभाव करते हैं।

जायसवाल के इस्तीफे पर जिल प्रभारी रवि जोशी ने कहा कि जायसवाल के स्वास्थ्य में उता-चढाव लगा रहता है और वे पहले भी इस्तीफा दे चुके हैं।

भाजपा ने चारागाह बना दिया
इस कार्यक्रम में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि महू सेना की नगरी है। यहां कांग्रेसी  विधानसभा चुनाव को एक युद्ध की तरह लड़े। हम शहीद हो जाएंगे मगर हारेंगे नहीं। वर्मा ने कहा कि भाजपा ने महू को एक चारागाह बना दिया है वे चाहे जिसे चुनाव लड़ने भेज देते हैं।

इस बैठक में जीतू पटवारी, प्रभारी रवि जोशी, योगेश यादव, अर्चना जायसवाल, मृणाल पंत, अंतरसिंह दरबार आदि ने भी संबोंधित किया।  वक्ताओं ने 2023 के चुनाव में कांग्रेस की विजय के लिए आपसी मतभेद भुला कर पार्टी व प्रत्याशी हित में काम करने की अपील की।

बैठक को संबोंधित करते हुए  पूर्व विधायक अंतरसिंह दरबार ने कहा कि दो बार के विधायक कैलाश विजयवर्गीय तीसरी बार अपने बेटे को यहां से लड़वाना चाहते थे लेकिन उन्हें इंदौर जाना पड़ा। इसके अलावा कांग्रेस क्यों हारी इसके सबूत
उनके पास हैं जो वे  समय आने पर सबके सामने रखेंगे।

इस कार्यक्रम में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता एक साथ नजर आए और स्थानीय स्तर पर हुए किसी कार्यक्रम में यह लंबे समय बाद हुआ है। महू में कांग्रेस की गुटबाजी पहले से ही बदनाम रही है। पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार अपने नेतृत्व में सभी को एक साथ नहीं जोड़ पाए और खुद उनका चुनावी प्रदर्शन भी सवालों में ही रहा।

यही वजह रही कि अब तक यहां कांग्रेसी अपने स्तर पर कोई बड़ा कार्यक्रम नहीं कर पाए हैं। हालांकि इस कार्यक्रम में भी शहर कांग्रेस के लोग कम ही रहे ऐसे में यह फूट को रोकने की कोशिशों के बावजूद मनमुटाव और गुटबाजी लगातार जारी है।



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