धनतेरस की पूजा: जानिए क्या खरीदना शुभ है और क्या नहीं, कैसे करें धन्वंतरी पूजा और आरती


इस दिन कोई सोना खरीद रहा है तो कोई चांदी, वहीं कुछ लोग नए बरतन लाने की तैयारी में हैं। धनतेरस के रोज भगवान की मूर्ति लाना और दीपावली पर उनकी पूजा करना सबसे शुभ है।


DeshGaon
Kaam ki baat Published On :

इंदौर। शनिवार 22 अक्टूबर को धनतेरस का दिन है आज से 5 दिन के दीपोत्सव की शुरुआत होती है। धनतेरस को कहा जाता है नई नई खरीदारी करने के लिए, ऐसे में सुबह से ही बाजारों में भीड़ जमा है। हालांकि आपको यह भी जानना जरूरी है कि धनतेरस के दिन कौन सी वस्तुओं की खरीदारी करना अच्छा माना जाता है और कौन सी बस तू घर ले जाकर आप शायद दरिद्रता को न्योता देते हैं।

कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है। 23 अक्टूबर 2022 को त्रयोदशी तिथि का शाम 06 बजकर 03 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में आज त्रिपुष्कर योग बन रहा है। धनतेरस की शाम को दीपदान भी किया जाएगा।

इस दिन कोई सोना खरीद रहा है तो कोई चांदी, वहीं कुछ लोग नए बरतन लाने की तैयारी में हैं। धनतेरस के रोज भगवान की मूर्ति लाना और दीपावली पर उनकी पूजा करना सबसे शुभ है।

भगवान धन्वंतरि की पूजा:

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है भगवान धन्वंतरि जो समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर आए थे। कहते हैं कि अमृत पीने के बाद कभी नाश नहीं होता वैसे ही अगर भगवान धन्वंतरि की कृपा धनतेरस के दिन मिलती है तो आपके धन और सौभाग्य लक्ष्मी का कभी नाश नहीं होता। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा जरूर करनी चाहिए। पूजा के बाद उनकी आरती करना भी जरूरी है। इसलिए कि नीचे हम आपको भगवान धन्वंतरी की आरती के बारे में भी बता रहे है।

क्या खरीदें और किससे बचें: 

वही कुछ ऐसी वस्तुएं भी हैं जो धनतेरस के दिन खरीदना ठीक नहीं। ऐसे में जान लीजिए उन 4 वस्तुओं के बारे में जो आपको आज के दिन लाने से बचना चाहिए।

सोना चांदी शुभ क्यों!

धनतेरस यानी धन का त्यौहार, ऐसे में इस दिन सोना चांदी खरीदना हमेशा शुभ होता है क्योंकि यह धन के देवता कुबेर को सबसे पसंद है। सोने को दुनिया की सभी सभ्यताओं में भगवान की पसंदीदा धातु या धन कहा जाता है। ऐसे में जाहिर है अगर आप सोना खरीदते हैं तो यह शुभ ही होगा।

मुहूर्त शास्त्र के अनुसार आज शाम 07 बजकर 03 मिनट से रात 10 बजकर 39 मिनट तक धनतेरस की शुभ खरीदारी करने का मुहूर्त रहेगा।

तांबा पीतल अच्छा क्यों!

इसके अलावा आप तांबा और पीतल भी खरीद सकते हैं लेकिन आपको स्टील और लोहा खरीदने से बचना चाहिए। हालांकि ज्यादातर लोग जानकारी ना होने के कारण धनतेरस के दिन स्टील के काफी बर्तनों की खरीदारी करते हैं।

धारदार वस्तु नहीं.

इसके अलावा धनतेरस पर आपको धारदार और नुकीली वस्तुएं जैसे चाकू, ब्लेड, कुल्हाड़ी, तलवार, कैंची, कटर, कृपाण आदि खरीदने से भी बचना चाहिए। फिर चाहे वह किसी भी धातु की बनी हुई हो।

कांच यानी राहु.

धनतेरस की व्याख्या में ज्यादातर ज्योतिषियों का मानना है कि इस दिन कांच का सामान भी खरीदना नहीं चाहिए क्योंकि कांच राहु से जुड़ा होता है और धनतेरस के दिन राहु घर में लाना भी ठीक नहीं है ऐसे में अगर आपको कोई कांच के सामान की जरूरत भी हैतो कोशिश कीजिए कि कम से कम आप धनतेरस के दिन उसे ना खरीदें। कांच खरीदना नकारात्मकता का कारण हो सकता है।

काला रंग क्यों नहीं!

धनतेरस के दिन रंगों का भी काफी महत्व है। जहां सोना खरीदना शुभ है तो वही उसकी तरह चमकीला पीला रंग भी शुभ है और लोहे की तरह काला रंग भी अशुभ। ऐसे में कोशिश कीजिए कि काले रंग की चीजें ना खरीदें। इसके अलावा जूते चप्पल भी ना खरीदें तो बेहतर है।

धन्वं‍तरि जी की आरती 

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।

जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।

देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।

सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।

आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।

असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।

वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।

रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

 



Related