बालक के साथ बनाए थे यौन संबंध, पांच साल बाद आरोपी महिला को मिली दस साल की सज़ा


साल 2018 का है मामला, उस समय बालक की उम्र 15 वर्ष और आरोपी महिला की उम्र 19 वर्ष थी।


DeshGaon
इन्दौर Updated On :

इंदौर। प्रदेश में संभवतः पहली बार पॉक्सो एक्ट में एक महिला को दोषी पाया गया है। अदालत ने उक्त महिला को दस साल की कठोर सजा और 50 हजार रु का जुर्माना लगाया है।

विशेष अदालत ने इस फैसले के दौरान यह टिप्पणी की कि ‘हर बार मर्द गलत हो ये जरूरी नहीं। इसी तरह पॉक्सो एक्ट में हमेशा पुरुष ही दोषी होगा ऐसा नहीं है। इस एक्ट के तहत महिला या लड़की भी उतनी सजा की हकदार है, जितना कि कोई दोषी पुरुष।’ 

24 साल की जिस युवती को यह सजा दी गई है उसकी एक दो साल की बेटी भी है। केस के दौरान ही उक्त महिला की बेटी पैदा हुई। मामला साल 2018 का है जब इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र में एक परिवार के पड़ोस में रहने वाले बच्चे को उसकी मां ने दूध लेने के लिए बाहर भेजा लेकिन काफी देर  बाद तक जब बच्चा नहीं लौटा तो परिवार ने उसकी खोजबीन शुरु की काफी प्रयासों के बाद भी जब बच्चा नहीं मिला तो मां ने बाणगंगा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। इसी बीच पड़ोस में रहने वाली 19 साल की लड़की के पिता भी वहां आए और उन्होंने बताया कि उनकी बेटी भी गायब है और उन्हें खबर मिली है कि बच्चा भी उनकी बेटी के साथ ही राजकोट में है। इसके बाद राजकोट पुलिस को सूचना दी गई पुलिस ने दोनों को खोज लिया और फिर इंदौर ले आए और दोनों का मेडिकल करवाया गया।

इस मामले में लड़के के बयान और लड़की की मेडिकल रिपोर्ट काफी अहम साबित हुए। लड़के ने जहां बताया कि महिला उसे अपने साथ ले गई और फिर कई बार उसके साथ जबरन संबंध बनाए वहीं महिला ने कहा कि लड़का अपनी मर्ज़ी से उसके साथ रह रहा था। हालांकि जांच में महिला के कई दावे गलत पाए गए। मेडिकल रिपोर्ट में पाया गया कि महिला सेक्स की आदि है और लड़के का सेक्शुअल बिहेवियर उस समय पूरी तरह विकसित ही नहीं था।

इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के द्वारा दी गई तमाम दलीलें खारिज कर दीं और महिला को इस अपराध का दोषी माना। आरोपी के वकील ने कोर्ट से न्यूनतम सजा देने की भी अपील की लेकिन कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया।



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