इंदौर हादसाः मृतकों के परिजनों और पीड़ितों से मिले कमलनाथ, लोगों ने सुनाई बदहाल सरकारी इंतज़ामों की कहानी


कमलनाथ को बदहवास होकर अपनों को खोने की कहानी बताती रही युवती, लोगों ने कहा अधिकारी टाइमपास कर रहे थे


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इन्दौर Updated On :

इंदौर। बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बनी बावड़ी की छत टूटने से 36 लोगों की मौत हुई। शनिवार को इस हादसे के पीड़ितों से मिलने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ  पहुंचे। इस दौरान लोग उनसे हादसे के बाद प्रशासन के द्वारा किए गए इंतजामों को लेकर खासी नाराजगी जताई। लोगों ने कहा कि हादसा होने के बाद अधिकारी टाइम पास करते हुए चैन से बैठे थे और मंदिर की बावड़ी से लोगों की लाशें निकल रहीं थीं।

कमलनाथ ने यहां अस्पताल में जाकर घायलों से भी मुलाकात की। इसके अलावा वे मृतकों के परिजनों से भी मिले। यहां उनसे एक युवती बदहवास होकर अपनी कहानी सुनाती नजर आई। कमलनाथ ने सरकार को एक हफ्ते में कार्रवाई करने का समय दिया है। उन्होंने कहा है कि इसके बाद वे पीआईएल दायर करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घटना स्थल के साथ अस्पताल का भी दौरा किया। यहां उन्होंने घालयों से मुलाकात की।  घायलों और उनके परिजन ने बताया कि हादसे के दो घंटे बाद तक तक बड़े स्तर पर कोई बचाव कार्य शुरु नहीं किया गया था। लोगों ने बताया कि कलेक्टर और आईजी ऐसे ही घूमते रहे, जैसे टाइमपास कर रहे थे। इसके अलावा नगर निगम भी कुछ नहीं कर सका। काफी शिकायतों और हंगामे के बाद शाम पांच-साढ़े पांच बजे एनडीआरएफ की टीम आई।

 

लोगों ने बताया कि महू से आर्मी बुलाने के लिए भी बारह घंटे का समय लिया गया। कलेक्टर और नगर निगम के कर्मचारी तो बावड़ी में पानी का अंदाज़ा भी नहीं लगा पा रहे थे। शुरुआत में कहा गया कि केवल चार पांच फुट पानी है और बावड़ी की गहराई भी कम है लेकिन साठ फुट गहरी बावड़ी में करीब बीस फुट तक पानी था। ऐसे में ज्यादातर लोगों की मौत डूबने से हुई। नगर निगम के पास मोटर नहीं थी ऐसे में बावड़ी जल्दी खाली भी नहीं की जा सकी।

एप्पल हॉस्पिटल में एक घायल ने कमलनाथ को अंदर की स्थिति बताई। उन्होंने कहा कि बावड़ी गहरी थी और नीचे ड्रेनेज का पानी भरा हुआ था, इससे भयानक बदबू आ रही थी। लगातार बंद रहने के कारण यहां गैस बन रही थी ऐसे में सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। नीचे कई लोग कीचड़ में फंस गए। रस्सी के सहारे लोगों को ऊपर खींचने की कोशिश की गई, लेकिन रस्सियां ही टूट गईं।

लोगों की बात सुनकर कमलनाथ भी सहम गए थे। उन्होंने कहा इंदौर को स्मार्ट सिटी कहते हैं लेकिन इस हादसे ने हकीकत उजागर कर दी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद हर जिले में रेस्क्यू रैपिड एक्शन फोर्स बनाई जाएगी, जो किसी भी हादसे पर 15 मिनट में मौके पर पहुंच जाएगी। कमलनाथ ने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है। विडंबना है कि आर्मी भी घटना के 11 घंटे बाद पहुंची। उन्होंने कहा कि मंदिर परिसर की जमीन पर अतिक्रमण किया गया था, लेकिन उसे हटाया नहीं गया। पीड़ितों ने जो भी व्यथा और पीड़ा बताई है, उसे लेकर हम सभी मांग राज्य सरकार के सामने रखेंगे और नहीं मानने पर कोर्ट की शरण लेंगे। इसके लिए सिर्फ 1 हफ्ते का समय सरकार को दे रहे हैं।

 



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