मछली पकड़ने के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए कर दी सगे भाई की हत्या


चोरल नदी के पास मिली लाश का मामला हत्याकांड में बदला। सिमरोल पुलिस ने इस अंधे कत्ल का मात्र 24 घंटे में पर्दाफाश कर दिया।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
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महू। तहसील में दो दिन के अंतराल में एक और हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया है। इस हत्याकांड में भी सगा भाई ही भाई का हत्यारा निकला जिसने बड़े भाई के मछली पकड़ने के एकाधिकार को समाप्त करने के लिए अपने साथी के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।

एएसपी पुनीत गेहलोद ने बताया कि 17 जुलाई को कालाकुंड में चोरल नदी के पास एक युवक की लाश मिली थी जिसकी शिनाख्त सेवाराम कोहली के रूप में हुई थी।

चूंकि घटनास्थल सूनसान क्षेत्र था जिस कारण आरोपियों के बारे में जानकारी नहीं लगी लेकिन मृतक का जबड़ा टूटा हुआ था तथा शरीर पर गंभीर चोट के निशान थे।

उप पुलिस अधीक्षक अजय वाजपेई ने थाना प्रभारी धर्मेंद्र शिवहरे के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर जांच शुरू की, जिसमें पता चला कि मृतक सेवाराम का स्टापडेम में मछली पकड़ने का एकाधिकार था और इसको लेकर उसके ही सगे भाई रमेश से विवाद था।

जांच में यह भी सामने आया कि 16 जुलाई को रमेश अपने साथी छीतरसिंह के साथ मछली पकड़ने गया था। संदेह के आधार पर जब दोनों से पूछताछ की गई तो दोनों ने सेवाराम की हत्या करना कबूल कर लिया।

आरोपी रमेश ने बताया कि मृतक सेवाराम उसका सगा बड़ा भाई है लेकिन स्टापडेम में मछली पकड़ने में उसका एकाधिकार था और वह किसी अन्य को मछली पकड़ने नहीं देता था। इसी बात को लेकर विवाद हुआ और छीतरसिंह के साथ मिल कर कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी।

सिमरोल पुलिस ने इस अंधे कत्ल का मात्र 24 घंटे में पर्दाफाश कर दिया। इसमें सिमरोल थाने के आशीष शर्मा, हिमांशु चौहान, रितेश परमार, कमल रावत का विशेष योगदान रहा। पुलिस अधीक्षक ने टीम को नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

उल्लेखनीय है कि मात्र दो दिन में दूसरी हत्याकांड का खुलासा हुआ जिसमें भाई ने ही भाई की हत्या कर दी। महू पुलिस ने सोमवार को महू के सिमरोल रोड स्थित एक बंगले में मिली लाश का भी खुलासा किया था जिसमें मृतक के सगे भाई ने अपने भांजे के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी थी और दोनों बिहार के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में थे।



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