जानापाव में परशुराम लोक के बहाने अपनी जमीन बनाने में जुटे स्थानीय भाजपा नेता


पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में विधायक पूर्व विधायक तथा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की अनुपस्थिति एक बार फिर चर्चा का विषय रही.


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :
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महू (इंदौर)। जानापाव स्थित भगवान परशुराम की जन्मभूमि पर मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में हुए आयोजन में स्थानीय नेता अपनी जमीन बनाने में जुटे रहे।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने ना सिर्फ ग्यारह सौ करोड़ रुपये की योजना का भूमिपूजन किया बल्कि रोपवे बनाने की घोषणा भी कर डाली। यह योजना कब आरंभ होगी अभी यह तय नहीं है। मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष के इस आयोजन में स्थानीय नेताओं का मुंह दिखाई होना भी चर्चा का विषय बना रहा।

मंगलवार को जानापाव स्थित भगवान परशुराम की जन्मस्थली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की मौजूदगी में विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को एक-एक बस भरकर नागरिकों को लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी ताकि कार्यक्रम सफल हो। यह जिम्मेदारी डेढ़ माह पूर्व हुए कार्यक्रम की असफलता को देखकर दी गई थी।

मंगलवार को हुए कार्यक्रम में स्थानीय नेता इसी कोशिश में लगे रहे कि मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के सामने उनकी जमीन दिखे कि कार्यक्रम में भीड़ लाकर उसे सफल बना दिया और नेताओं की इच्छा भी लगभग पूरी हुई।

मंच पर कुछ स्थानीय नेता एक घंटे पूर्व से ही जमकर बैठ गए थे ताकि बाद में उन्हें सीट के लिए मशक्कत ना करना पड़े। मंच पर शिवराज सिंह चौहान के अलावा कविता पाटीदार, उषा ठाकुर, कंचन सिंह चौहान, भाजपा के जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर, मंत्री तुलसीराम सिलावट, इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला, वरिष्ठ नेता राम किशोर शुक्ला, राधेश्याम यादव प्रमुख रूप से मौजूद थे, लेकिन इसमें राम किशोर शुक्ला और विधायक रमेश मेंदोला एक कोने में बैठे रहे जबकि चर्चा थी कि विधायक रमेश मेंदोला को मुख्यमंत्री व अध्यक्ष के पास बिठाया जाना था।

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जो नेता आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी दिखा सकते हैं, ने पूरे आयोजन में पूरी कोशिश की अपनी जमीन बना सकें जिसमें मुख्य रूप से कविता पाटीदार, राधेश्याम यादव, कंचन सिंह चौहान और राम किशोर शुक्ला थे।

ऐसे अनेक नाम भी हैं जिन्होंने इस आयोजन से दूरी बनाए रखी थी जिसमें मनोज ठाकुर, अशोक सोमानी, शिव शर्मा, अमित जोशी व रवि आर्य प्रमुख हैं।

मनोज ठाकुर और अमित जोशी तो हेलीपैड से ही वापस चले गए थे। भाजपा के शहर अध्यक्ष पीयूष अग्रवाल को भी पूरा सम्मान नहीं मिला।

इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भगवान परशुराम के नवनिर्मित मंदिर का उद्घाटन किया तथा 11 सौ करोड़ रुपये की नर्मदा पानी की योजना का भूमिपूजन किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि मंदिर पर आने के लिए रोपवे बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा का पानी हर हाल में जाना पड़ेगा इसके लिए 7 स्टेप बनाए जाएंगे और इस पानी के लिए नागरिकों को शुल्क भी देना होगा।

किसानों को उम्मीद थी कि कि मुख्यमंत्री प्याज को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेंगे, लेकिन उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगी। प्याज के संबंध में उन्होंने केवल इतना ही कहा कि उचित दाम नहीं मिलने की पूरी जानकारी है और इसके लिए जल्दी ही योजना बनाएंगे।

नर्मदा का पानी गवली पलासिया, जामली सहित अन्य को भी मिलने की जब बात कही गई तो सबसे ज्यादा खुश कविता पाटीदार हुईं। वे तो इस प्रकार खुश हुईं कि यह योजना उन्होंने ही बनाई थी जबकि हकीकत यह है कि यह योजना पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार के कार्यकाल में ही बनाकर भेज दी गई थी, लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया।

कार्यक्रम में अतिथियों के स्वागत सम्मान के लिए नेताओं ने पोस्टर-बैनर भी लगाए थे ताकि दोनों अतिथियों की नजर में वह आ सकें, लेकिन अतिथियों की नजर उस पर पड़ी ही नहीं।

पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में विधायक पूर्व विधायक तथा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की अनुपस्थिति एक बार फिर चर्चा का विषय रही जबकि उनके खास साथी रमेश मेंदोला भी विधायक की भूमिका में कम व ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधि की भूमिका में ज्यादा नजर आए।

मंच पर किसे बिठाया जाए इस पर भी मंत्री उषा ठाकुर की चली। जानकारों की मानें तो पिछले कार्यक्रम में कपिल शर्मा महाराज को मंच पर जगह नहीं मिली थी, लेकिन बाद में विधायक मेंदोला ने उन्हें स्थान दिलवाया था।

इस बार भी उनका नाम मंच पर बैठने वालों की सूची में था, लेकिन कलेक्टर के पास जो सूची पहुंची उसमें उनका नाम नहीं था। इसके अलावा मंत्री उषा ठाकुर के ऐसे कई खास समर्थक भी थे जिन्होंने इस आयोजन से पूरी तरह दूरियां बना रखी थीं।



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