स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए नुकसानदेह हैं मोबाइल टावर, महू की इस कॉलोनी में लोग कर रहे विरोध


लोगों ने कहा इंसानों के साथ पंछियों को भी है खतरा, टावर वहां लगाएं जहां आबादी कम हो


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Published On :

इंदौर। मोबाइल लोगों की जरुरत बन चुके हैं और इन्हें लगातार काम करने के लिए नेटवर्क की जरुरत होती है जो मोबाइल टावरों से मिलता है। मोबाइल टावर सेहत के लिए खतरनाक साबित होते हैं। लोग इन्हें लेकर चिंतित होते हैं। महू तहसील की एक कॉलोनी के रहवासियों को जब पता चला कि उनके नजदीक ये टावर लगने वाला है तो उन्होंने विरोध का मोर्चा खोल दिया। लोगों ने टावर लगाने के लिए सामग्री लेकर पहुंच रहे मजदूरों को उल्टे पैर लौटा दिया। इस मामले की शिकायत स्थानीय विधायक और मंत्री उषा ठाकुर से और जिला कलेक्टर टी इलैयाराजा से भी की गई है।

महू-इंदौर मार्ग पर किशनगंज इलाके में विक्रम नगर कॉलोनी के एक रिहायशी प्लॉट पर भारीभरकम मोबाइल टावर लगाने की तैयारी है। इस इलाके के आसपास घनी आबादी रहती है। ऐसे में लोगों को डर है कि मोबाइल टावर से यहां रहने वाले लोगों को स्वास्थ्यगत परेशानियां हो सकती हैं। विक्रम नगर रहवासी संघ के अध्यक्ष अशोक परदेसी, अशोक पंवार और संजय दिघे ने इस पूरी प्रक्रिया का कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि इस टॉवर को लगाने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है और जिस जमीन पर यह लगाया जा रहा है वह व्यवसायिक नहीं है।

कॉलोनी के लोगों ने टावर लेकर आई टीम को लौटाया

स्थानीय लोगों ने बताया कि मोबाइल टावर का रेडिएशन धीरे असर करता है लेकिन लंबी अवधि के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में इससे बचना भी जरुरी है। लोगों को पर्यावरण की भी चिंता है वे कहते हैं कि महू शहर में अब कई टावर हैं पहले शहर में काफी संख्या में चिड़ियां हुआ करती थीं लेकिन अब बेहद कम बची हैं। चिड़ियां धीरे-धीरे खत्म हो रहीं हैं। लोगों ने कहा कि यह मोबाइल टावर लोगों को और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में इन्हें घनी आबादी में न लगाकर उन इलाकों में लगाया  जाना चाहिए जहां आबादी कम हो।

महू के स्थानीय एसडीएम से इसकी शिकायत करने के बाद लोग अपनी शिकायत लेकर लोग स्थानीय विधायक उषा ठाकुर के पास भी पहुंचे और लोगों ने कलेक्टर टी इलैयाराजा से भी शिकायत की लेकिन इसके बावजूद लोगों की समस्या खत्म नहीं हुई है। टावर लगाने की प्रक्रिया अभी तक रोकी नहीं गई है। लोगों को डर है कि आने वाले दिनों में अगर यह नहीं रोका गया तो वर्षों तक लोगों और पर्यावरण की सेहत पर भारी पड़ेगा। इस मामले में अब प्रधानमंत्री कार्यालय से भी शिकायत की गई है।



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