मालवा-निमाड़ में सबसे बड़े सेना भर्ती कार्यालय तक पहुंचा विरोध, सुरक्षा में तैनात पुलिस, प्रशासन और सेना


— रेलवे स्टेशन पर तैनात है पुलिस और प्रशासन, गुरुवार को भी पहुंचे थे कई युवा, शुक्रवार सुबह भर्ती कार्यालय पर थी विरोध की आशंका
– इंदौर में हंगामा, ट्रेनों को रद्द किया जा रहा


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :
महू में आर्मी भर्ती कार्यालय की सुरक्षा में तैनात पुलिस और सैन्य जवान


इंदौर। सेना भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना का विरोध हर जगह दिखाई दे रहा है। मध्यप्रदेश में अब महू छावनी में इसका विरोध शुरु हो गया है। इसके लिए महू छावनी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शुक्रवार को महू पहुंचने के लिए युवा ट्रेनों से निकले थे जिन्हें इंदौर स्टेशन में ही रोक लिया गया। इस दौरान रतलाम से आने वाली एक ट्रेन को रद्द भी किया गया वहीं एक ट्रेन को रास्ते में ही रोकना पड़ा।

शुक्रवार शाम को महू पहुंचे युवा

गुरुवार शाम को भी करीब सौ  युवा विरोध के लिए महू पहुंचे थे। उन्होंने विरोध की कोशिश की हालांकि इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और थाने ले गए। स्थानीय एसडीएम अक्षत जैन ने इन युवाओं को रोककर पूछताछ की। इनमें से ज्यादातर देवास और शाजापुर से आए थे। जिन्हें एसडीएम द्वारा बसों में वापस भिजवाने का इंतजाम किया गया। इसके बाद शुक्रवार को भी विरोध की आशंका थी और  इसीलिए यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।

पुलिस और प्रशासन को विरोध की आशंका थी जिसके बाद उन्होंने महू में सेना सेना भर्ती कार्यालय की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिये। सेना के बेहद अहम तीन प्रशिक्षण संस्थान महू छावनी में हैं और इस लिहाज़ से यह स्थान बेहद महत्वपूर्ण है। महू में प्रयागराज से आने वाली एक ट्रेन में भी कुछ लोग पहुंचना चाह रहे थे जिन्हें इंदौर में ही रोक लिया गया है। यहां रेलवे स्टेशन पर भी नजर रखी जा रही है। यहां पुलिस अधिकारियों की जमावड़ा है। इनमें डीआईजी चंद्रशेखर सोलंकी, एसपी भगवत सिंह बिरदे और एडीएम अभय जैन जैसे अधिकारी हैं। जो रेलवे स्टेशन पर ही युवाओं को रोकने की तैयारी में हैं। इस दौरान ट्रेन से आने वाले आम लोगों को भी रोक लिया गया है और उन्हें स्टेशन के वेटिंग रूम में बैठाया गया है।

गुरुवार शाम से ही सोशल मीडिया पर कुछ संदेश वायरल हो रहे थे। यह संदेश महू में सेना भर्ती कार्यालय पर जाकर विरोध के लिए युवाओं को जुटने का आह्वान कर रहे थे।

सेना भर्ती के लिए पहुंचे इन युवाओं ने बताया कि वे केंद्र सरकार के इस फैसले से बेहद आहत हैं और ऐसे में विरोध के अलावा कोई और रास्ता उन्हें दिख नहीं रहा है। पहले सरकार ने किसानों को कानून बनाया और अब फिर सैनिकों के लिए भी ऐसा ही कानून बनाया जा रहा है। इन कानूनों से न ही युवाओं का और न ही सेना का भला होगा।

महू के युवा भी भर्ती  के इस नए तरीके से परेशान हैं। उनके मुताबिक फिलहाल जो बात जो 75 प्रतिशत तक तय है वह ये कि सेना में पक्की नौकरी नहीं मिलेगी और जिन 25 प्रतिशत युवाओं को नियमानुसार चुना जाएगा उन्हें भी कितनी सुविधा मिलेगी यह तय नहीं है। वहीं बाकी के 75 प्रतिशत अग्निवीरों को राज्य सरकारें किस हद तक नौकरी दे पाएंगी यह भी तय नहीं है क्योंकि मध्यप्रदेश सहित कई दूसरे राज्यों में सरकारों का रोजगार को लेकर रवैया अब तक संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है।

 

 



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