इंदौर और लक्ष्मीबाईनगर रेलवे स्टेशन पर भी हुआ किसान संगठनों का प्रदर्शन


अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 फरवरी को देशभर में रेल रोको आंदोलन और प्रदर्शन की घोषणा के तहत इंदौर में भी गुरुवार को इंदौर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादित कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की।


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इंदौर। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा ने 18 फरवरी को देशभर में रेल रोको आंदोलन और प्रदर्शन की घोषणा के तहत इंदौर में भी गुरुवार को इंदौर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन कर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए विवादित कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की।

प्रदर्शनकारी रेलवे स्टेशन के अंदर जाकर मालवा एक्सप्रेस को रोकना चाहते थे, लेकिन स्टेशन पर 500 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात कर कार्यकर्ताओं को स्टेशन में प्रवेश से रोका गया। उसके बाद कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर ही करीब एक घंटे धरना दिया और सभा की।

गुरुवार 18 फरवरी को यह प्रदर्शन किसान संघर्ष समिति, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की इंदौर इकाई, किसान खेत मजदूर संगठन और एटक ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था।

प्रदर्शन का नेतृत्व रामस्वरूप मंत्री, रूद्रपाल यादव, प्रमोद नामदेव, दिनेश कुशवाह और अजय यादव ने किया। प्रदर्शनकारियों ने करीब एक घंटे तक रेलवे परिसर में नारेबाजी की और तीनों कृषि कानून तथा श्रम संहिता वापस लिए जाने की मांग की।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि तीनों कृषि कानून जहां खेती किसानी को बर्बाद करने वाले हैं, वहीं पूंजीपतियों की दौलत बढ़ाएंगे।

वक्ताओं ने घोषणा की कि जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं लिए जाते तब तक आंदोलन तेज किया जाएगा और अब हम गांव-गांव जाकर किसानों को जगाने का काम करेंगे।

सभा को सोहनलाल शिंदे, रूद्रपाल यादव, रामस्वरूप मंत्री, प्रमोद नामदेव और अजय यादव ने संबोधित किया। प्रदर्शन में प्रमुख रूप से भरत सिंह यादव, छेदी लाल यादव, सत्यनारायण वर्मा, जयप्रकाश गुगरी, सोनू शर्मा, विजय सोलंकी, रमेश झाला, मोहम्मद अली सिद्दीकी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।



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