स्वच्छता सर्वेक्षणः शहरों में इंदौर तो छावनियों में महू छावनी सिरमौर


ख़ास है महू की यह सफलता, लगातार सुधारी है अपनी रैंकिंग और बिना किसी विशेष बजट के बने स्वच्छ, बेहतर करने के लिए इंदौर से लगातार सीखा भी


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर इंदौर ने बाज़ी मार दी है। इंदौर ने सातवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब जीता है। वहीं इंदौर के नज़दीक महू छावनी देश की 62 छावनियों में से तीसरी सबसे स्वच्छ छावनी बनी है। पिछले साल महू का छठवां स्थान था। इंदौर जहां अपने स्थान पर कायम रहा है तो वहीं महू छावनी ने बेहद कम संसाधनों में काम करते हुए लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है और 33 वें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंची है। ऐसे में महू के लिए यह उपलब्धि किसी भी तरह से इंदौर से कम नहीं मानी जा रही है।

लगातार बढ़ती रही है छावनी…

छावनियों की रैंकिंग में महू का बोलबाला रहा हालांकि पहले स्थान पर महाराष्ट्र की देवलाली छावनी रही लेकिन महू छावनी के प्रदर्शन की खासी प्रशंसा हुई। इसकी वजह स्वच्छता सर्वेक्षण में महू का लगातार अच्छा प्रदर्शन रहा है।

पुरुस्कार ग्रहण करने के दौरान छावनी के कमांडेंट ब्रिगेडियर जॉय विश्वास, सीईओ दिलीप जगताप, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख मनीष अग्रवाल, अनिल भाटी और उपाध्यक्ष शिव शर्मा थे।

महू छावनी की प्रशंसा के पीछे दरअसल स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत से ही बेहतर प्रदर्शन रहा है। अब तक हुए सभी स्वच्छता सर्वेक्षण में महू की रैंकिंग सुधरती रही है। छह साल पहले जब रैंकिंग शुरु हुई थी तो महू का स्थान 33वां था और इसके बाद क्रमशः 22 वां, 11 वां,  7वां, छठवें स्थान पर रहा है। इस दौरान दो साल पहले 2020 में एक सेल्फ सस्टेनेबल की विशेष श्रेणी में भी राष्ट्रीय पुरुस्कार मिला था।

ख़ास है ये सफलता

महू छावनी की यह सफलता कई मायनों में अलग है। महू के पास स्वच्छता के लिए कोई विशेष बजट नहीं है। परिषद ने अपने सामान्य सफाई के काम के ही साथ स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी भी कर रही है। इस दौरान पुराने कबाड़ से सौंदर्यीकरण किया गया और वेस्ट मैनेजमेंट पर खास ध्यान दिया गया।

हालांकि महू छावनी इस बार भी अपने लक्ष्य से पिछड़ गई छावनी के अधिकारी मनीष अग्रवाल कहते हैं कि थ्री स्टार रेटिंग के लक्ष्य पर काम पूरी तरह से हो जाता तो महू का पहला नंबर आ सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब की बार इंदौर की तर्ज पर नागरिक भी अगर आगे आते हैं तो महू को पहले स्थान पर आने से रोक पाना मुश्किल होगा।  इस सफलता पर महू के लोग भी खुश हैं। लोगों ने सफाई कर्मियों का मुंह मीठा करवाकर यह खुशी मनाई।

 

इंदौर को स्वच्छता अ भियान मिलने पर शहर भर में खुशी है। लोग जश्न मना रहे हैं और इनमें सबसे ज्यादा खुश वे सफाई कर्मी हैं जो शहर की सड़कों पर दिन-रात सफाई करते हैं या इस काम में किसी भी तरह से हिस्सा लेते हैं। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में जब यह पुरुस्कार दिया गया तो इंदौर के लोग झूम रहे थे। पुरुस्कार समारोह में  महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निगम कमिश्नर, सांसद शंकर लालवानी, संभागायुक्त पवन शर्मा, कलेक्टर मनीष सिंह और पूर्व अपर आयुक्त संदीप सोनी भी मौजूद रहे।

इंदौर को सेवन स्टार कैटेगरी में यह पुरुस्कार मिला है।  इंदौर ने सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट प्रोसेसिंग में शानदार प्रदर्शन किया है। नगर निगम अपने इस काम के लिए कार्बन क्रेडिट से भी 13-14 करोड़ रुपये की सालाना कमाई कर रहा है। इंदौर के नागरिकों का इस सफलता में खास योगदान है जिन्होंने गीले और सूखे कचरे को अलग-्अलग करने में सबसे अहम भूमिका निभाई। इसी के चलते स्त्रोत से ही यह कचरा अलग-अलग किया जाता रहा और आगे की कवायद आसान होती गई।



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