सामाजिक सद्भाव का प्रतीक बनी गोगा नवमी


अन्य समाज जनों ने भी संस्था के इस प्रयास का काफी प्रशंसा की तथा इसे सामाजिक सद्भावना और समरसता के लिए एक अनूठा प्रयोग बताया है।


अरूण सोलंकी अरूण सोलंकी
इन्दौर Updated On :

इंदौर। महू में पहली बार बाल्मीकि समाज के आराध्य देव गोवा देव चौहान के निशान का अन्य समाज के लोगों ने भी आस्था के साथ पूजन किया। निशान लेकर  चल रहे समाज के लोगों को अन्य समाज के परिवारों ने घर बुलाया और फिर आस्था के साथ उनका पूजन किया। इसके साथ ही इनके खलीफाओं का सम्मान भी किया गया।

संस्था रामा दल द्वारा किया गया यह पहला आयोजन था जब ब्राह्मण, वैश्य, रजक बुंदेला समाजजनों ने भी वाल्मीकि समाज के लोगों के साथ मिलकर गोगा देव का पूजन किया है।

निशानों के स्वागत के दौरान आयोजित भजन संध्या

इस दौरान भजन संध्या का भी आयोजन किया गया। संस्था रामा दल के पंडित लोकेश शर्मा ने बताया कि वाल्मीकि समाज द्वारा गोगा नवमी के दिन निकाले जाने वाले निशानों का इसी समाज द्वारा ही स्वागत सम्मान व पूजा-अर्चना की जाती थी लेकिन पहली बार यह प्रयास हुआ है कि सभी समाज मिलकर गोगादेव का पूजन कर रहे हैं।

अन्य समाज जनों ने भी संस्था के इस प्रयास का काफी प्रशंसा की तथा इसे सामाजिक सद्भावना और समरसता के लिए एक अनूठा प्रयोग बताया है।



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