लौट रहा कोरोना का दुष्काल, जमाखोर सक्रिय लेकिन प्रशासन सुस्त


प्रशासन अब कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कमर कसने लगा है। मंगलवार को जिले में प्रशासनिक अमले का रोको-टोको अभियान शुरू हुआ।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Updated On :
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नरसिंहपुर। (एक डीलर से गुटखा व्यवसायी की बातचीत)

गुटखा व्यवसायी- भैया, कुछ माल और दो ना। कोरोना का कोई भरोसा नहीं है। लॉकडाउन लग गया तो फिर माल नहीं मिलेगा।

डीलर- कितना चाहिए, अभी तो ऐसी बात नहीं है लेकिन जितना कहोगे दे देंगे।

गुटखा व्यवसायी- थोक में लेंगे तो कुछ रेट कम करो।

डीलर- अरे अभी रेट कम करने की बात छोड़ो, आप तो माल भर लो। लॉकडाउन में तो आप दोगुने दाम कमा लोगे।

गुटखा व्यवसायी- चलो कल देखते हैं, कितना पैसा फंसायें।

डीलर- देख लो जो भी हो तो 2-3 दिन पहले बता देना, माल मिल जाएगा।

एक दुकान पर हुई यह बातचीत इस बात को दर्शाता है कि कुछ व्यापारी संकट के समय एक बार फिर मुनाफा कमाने की लालसा पाल रहे हैं।

कोरोना का दुष्काल एक बार फिर लौटने से बाजार की स्थिति लगभग यही हो रही है। रौनक गायब है और खाने-पीने समेत अन्य जरूरी चीजों की लोगों द्वारा खरीदी बढ़ी है।

इसका फायदा कुछ लोग फिर उठाने लगे हैं। सोयाबीन खाद्य तेल का 15 लीटर का टिन जो दो दिन पहले तक 2400 रुपये का था वह मंगलवार को 2600 के इर्द-गिर्द पहुंच गया।

अरहर दाल के दाम भी 6-10 रुपये प्रति किग्रा बढ़ा दिए गए। किराना के दामों में भी पिछले एक हफ्ते में 8 से 12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।

किराना, खाद्य तेल, सूखे मावे और रोजमर्रा की चीजों के दाम स्थानीय बाजार में उछल गए हैं। गेहूं, चना, चावल, दाल और अनाज के दामों में तो इजाफा हुआ ही है, साथ ही इनके स्टॉक पर कुछ लालची व्यापारी ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।

कोरोना का अगर संक्रमण नहीं थमा तो ट्रांसपोर्टिंग व्यवसाय पर भी असर रहेगा। व्यवसायियों के मुताबिक अब सामान या माल की आवक कमजोर हो रही है इसलिए दामों में इजाफा है।

माल बुलाने पर भी नहीं मिल रहा है और अगर कहीं आ भी रहा है तो कुछेक व्यापारी अब जरूरत से ज्यादा स्टॉक करने की मंशा बनाए हुए हैं।

इस वजह से शक्कर, तेल, नमक, किराना, तंबाकू, गुटखा, पाउच आदि का अच्छा खासा स्टॉक किया जाना शुरू हो गया है। अगर प्रशासन इस पर नजर नहीं रखेगा तो बाजार में कृत्रिम किल्लत बनने की संभावना है।

मंहगाई की मार झेल रहे लोग एक बार फिर मुनाफाखोरों की जद में आएंगे और मनमाना पैसा देने को मजबूर होंगे। आमलोगों की मांग है कि प्रशासन इस तरह की कालाबाजारी, जमाखोरी पर नजर रखे ताकि लौट रहे कोरोना दुष्काल में स्थितियां नियंत्रित में बनी रहें।

जिले में गुटखा पाउच का लंबा-चौड़ा व्यवसाय है और यहां चोरी-छिपे भी प्रतिबंधित गुटखे का भी स्टॉक हो रहा है।

दूसरी तरफ, प्रशासन अब कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर कमर कसने लगा है। मंगलवार को जिले में प्रशासनिक अमले का रोको-टोको अभियान शुरू हुआ।

जिला कलेक्टर, एसपी सहित संयुक्त अमला मैदान में उतरा और लोगों को मास्क लगाने व अन्य जरूरी कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की हिदायत देते दिखा।



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