गन्ने का सही दाम और खाद नहीं मिलने से किसान फिर आंदोलन के मूड में


दो एकड़ पर प्रति एक बोरी के हिसाब से डीएपी बांटने के लिए किसानों को टोकन थमाए जा रहे हैं। किसान लाइन में लगे हुए हैं। सुबह से लेकर देर शाम तक दो-चार बोरी ही डीएपी उन्हें उनके रकबे के आधार पर मिल पा रहा है।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
narsinghpur farmers dap waiting

नरसिंहपुर। एक बार फिर किसान वादे से मुकर रहे जिला प्रशासन को दबाव बनाने के मूड में हैं। कारण है गन्ने का सही दाम व खाद नहीं मिल पाना।

रिकवरी के आधार पर गन्ने की रेट तय करने और खाद की किल्लत को दूर करने के लिए किसान करीब एक माह पहले जिला प्रशासन को आवेदन दे चुके हैं लेकिन अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई जिससे किसान एक बार फिर आंदोलन के मूड में है।

बुधवार 9 नवंबर को किसान एक बार फिर जिला मुख्यालय पर जुटने की तैयारी कर रहे हैं। गन्ने के दाम कम से कम 350 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने की मांग किसान कर रहे हैं।

उधर पिछले तीन-चार दिनों से किसान डीएपी खाद की मारामारी से तंग हैं जिससे उनमें आक्रोश भी है। प्रशासन एक तरफ दावे कर रहा है कि डीएपी और यूरिया पर्याप्त मात्रा में है, लेकिन वितरण व्यवस्था से ही प्रशासन की व्यवस्था चरमरा गई है।

एक बोरी डीएपी के लिए गोटेगांव के एक वेयरहाउस में किसानों की भीड़

दो एकड़ पर प्रति एक बोरी के हिसाब से डीएपी बांटने के लिए किसानों को टोकन थमाए जा रहे हैं। किसान लाइन में लगे हुए हैं। सुबह से लेकर देर शाम तक दो-चार बोरी ही डीएपी उन्हें उनके रकबे के आधार पर मिल पा रहा है।

कुछ इसी तरह की मांगों को लेकर बुधवार 9 नवंबर को किसान फिर प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के लिए जुटने वाले हैं।



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