शिव के ‘राज’ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास की झलक, हाथ ठेले पर रखकर मरीज को लाना पड़ा रहा अस्पताल


स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी का दावा करने वाले नेताओं-अफसरों के लिए यह बात बेहद शर्मनाक है कि उनके रहते हुए एक मरीज को चिकित्सा वाहन भी नसीब नहीं हो पा रहा है।


ब्रजेश शर्मा ब्रजेश शर्मा
नरसिंहपुर Published On :
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नरसिंहपुर। आप ये जो तस्वीरें देख रहे हैं वह मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव की हैं जहां बोस वार्ड निवासी राकेश यादव की तबियत अचानक बिगड़ गई।

उनके परिवार वालों की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वह पैसे देकर किसी एम्बुलेंस या किसी अन्य साधन से उन्हें अस्पताल तक ला सकें इसलिए उनके परिजन हाथ ठेले पर रखकर ही उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोटेगांव ले आए।

यहां के डॉक्टरों ने मरीज राकेश को प्राथमिक उपचार के बाद जबलपुर के बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया। अस्पताल प्रशासन के पास लाखों मिन्नतें करने के बाद भी जब उनके परिजनों को यहां से उन्हें जबलपुर ले जाने एम्बुलेंस नहीं मिल सका तो थक-हारकर परिजन उसी हाथ ठेले पर लादकर मरीज को घर वापस ले आये जहां उसकी हालत ठीक नहीं है क्योंकि उसे अच्छे उपचार की सख्त जरूरत है।

इस चुनावी साल में एक ओर जहां सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार जनता की बेहतरी की बातें करते हुए कई घोषणाएं कर रहे हैं तो यह फोटो उनकी सरकार व अफसरों द्वारा गरीबों की बातें अनसुनी करने का एक जीता-जागता नमूना है।

यह तस्वीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खुशहाल प्रदेश की है, जहां भाजपा के नेता अपनी योजनाओं के गुणगान करते हुए थकते नहीं हैं। यह हालात उस विधानसभा क्षेत्र के हैं जिसमें दो सांसद, दो पूर्व मंत्री, एक पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और दो वर्तमान विधायक हैं।

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स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी का दावा करने वाले नेताओं-अफसरों के लिए यह बात बेहद शर्मनाक है कि उनके रहते हुए एक मरीज को चिकित्सा वाहन भी नसीब नहीं हो पा रहा है। वह भी तब जबकि रोजाना प्रदेश भर के बड़े नेता और मंत्री अपनी शोक सम्वेदनाएं व्यक्त करने गोटेगांव पहुंच रहे हैं।

अगर हाल यह हैं तो संवेदनाओं के दो रूप देखकर हमें थोड़ी लज्जा आना बेहद जरूरी है। जिले की कलेक्टर ऋजु बाफना लगभग हर दिन जिले की बेहतरी से भरी विज्ञप्तियां जारी करती हैं तो उन्हें समझना होगा कि जिले की बेहतरी से भरी विज्ञप्ति जारी करने और समस्याओं के निराकरण करने में बड़ा फर्क है।



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