इंदौर-उज्जैन रोड पर 50 फीसदी गाड़ियां नहीं देती टोल, कंपनी ने सुरक्षा के लिए पुलिस से मांगी मदद


इंदौर-उज्जैन रोड की टोल कंपनी महाकाल रोड प्राइवेट लिमिटेड ने पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। टोल से रोजाना 50 फीसदी गाड़ियां मुफ्त निकलती हैं। इसे लेकर शुक्रवार से जीरो टॉलरेंस सिस्टम शुरू किया गया है जिसमें सभी गाड़ियों से टोल वसूला जाएगा। किसी भी तरह के विवाद की आशंका के कारण कंपनी ने पुलिस को पत्र लिखा है।


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उज्जैन Published On :
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उज्जैन/इंदौर। इंदौर-उज्जैन रोड की टोल कंपनी महाकाल रोड प्राइवेट लिमिटेड ने पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। टोल से रोजाना 50 फीसदी गाड़ियां मुफ्त निकलती हैं। इसे लेकर शुक्रवार से जीरो टॉलरेंस सिस्टम शुरू किया गया है जिसमें सभी गाड़ियों से टोल वसूला जाएगा। किसी भी तरह के विवाद की आशंका के कारण कंपनी ने पुलिस को पत्र लिखा है।

टोल नाकों पर कई वाहन चालक बिना टोल चुकाए निकल रहे हैं। संचालकों को कहना है कि ऐसे में उन्हें रोजाना नुकसान हो रहा है। बैरियर टूटने के बाद टोल संचालकों ने सुरक्षा की मांग की है।

इंदौर-उज्जैन रोड पर जीरो फोर्स एक्जम्शन किया गया तो 30 से 40 बैरियर तोड़े जाने का पता चला। विवाद की आशंका को देखते हुए टोल संचालकों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की, लेकिन सुरक्षा देने पुलिस बल नहीं आया।

शुक्रवार से एक माह तक फोर्स एक्जम्शन किया जाएगा क्योंकि 40 से 50 प्रतिशत वाहन बिना टोल दिए निकलते हैं। संचालकों का कहना है कि गुंडों सहित कई स्थानीय लोग पैसे नहीं देते हैं, उनसे टोल लिया जाएगा।

इन लोगों के कारण रोजाना करीब तीन लाख रुपये का नुकसान होता है। इसमें महाकालेश्वर टोल बेस शामिल है जिसने टोल के लिए वसूली करने का अधिकार कौसर इन्फ्रा को दिया। गाड़ियां रोकने पर वाहन चालक बैरियर तोड रहे हैं। इससे दुर्घटना की भी आशंका है।

कौशर इन्फ्रा के हेड अमित पोरवाल का कहना है कि

सख्ती करने के बाद भी लोग मुफ्त में निकल रहे हैं। रोकने पर लोग दादागीरी करते हैं और बैरियर तोड़ जाते हैं। हमारी कंपनी ने आदेश दिए हैं कि गाड़ियां रोकें, जो हमारी अब मजबूरी भी बन जाती है।

घटना के बाद आती है पुलिस –

अब तक कई लोग 30 से 40 बार बैरियर तोड़ चुके हैं जिससे भी काफी नुकसान हो रहा है। वहीं दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है। यहां होने वाले टोल कलेक्शन में 35 प्रतिशत सरकार का शेयर होता है जो कि मुफ्त गाड़ियों की वजह से नहीं जा पा रहा है। टोल संचालकों का कहना है कि पुलिस को सूचना देने पर वह घटना के बाद ही आती है।



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