उज्जैन: सरकारी जमीन पर बना मकान गिराने पर महिला ने पत्थर मारकर फोड़ा इंजीनियर का सिर


निगम उपायुक्त सुबोध जैन ने बताया कि सरकारी जमीन पर बने एक मकान को हटाने के लिए सोमवार सुबह 11 बजे टीम कार्रवाई करने पहुंची। जेसीबी जैसे ही आगे बढ़ी, लोगों ने हाथों में पत्थर उठा लिए और अचानक टीम पर हमला बोल दिया।


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उज्जैन Published On :
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उज्जैन। उज्जैन नगर निगम और पुलिस की टीम सोमवार की सुबह 11 बजे आगर रोड स्थित नजर अली मिल कंपाउंड में सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए मकान को गिराने पहुंची थी।

इस दौरान कुछ लोगों ने नगर निगम और पुलिस टीम पर पथराव कर दिया। नगर निगम जोन 2 की जूनियर इंजीनियर साधना चौधरी सिर और पैर में पत्थर लगने से घायल हो गईं।

उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने मामले में 7 लोगों को हिरासत में लिया है।

निगम उपायुक्त सुबोध जैन ने बताया कि सरकारी जमीन पर बने एक मकान को हटाने के लिए सोमवार सुबह 11 बजे टीम कार्रवाई करने पहुंची। जेसीबी जैसे ही आगे बढ़ी, लोगों ने हाथों में पत्थर उठा लिए और अचानक टीम पर हमला बोल दिया।

डेढ़ साल पहले भी निगम टीम ने इसी जमीन से अतिक्रमण हटवाया था। तब यह मकान रह गया था। जिस मकान को हटाया गया, उसके लोगों को पंवासा इलाके की मल्टी में घर दिया गया है, लेकिन वे वहां जाने को तैयार नहीं हैं और तीन साल से कब्जा जमाए बैठे थे।

मकान मालिक गुड्‌डू मेवाड़ा के मुताबिक, चार भाइयों के घर थे- रायसिंह मेवाड़ा, लाला मेवाड़ा, गुड्डू मेवाड़ा और जुगल मेवाड़ा। पट्‌टे में दी गई जमीन पर 50 साल से ज्यादा समय से घर बनाकर रह रहे थे। हाईकोर्ट का स्टे होने के बाद भी हमारे घर तोड़ दिए गए।

कार्रवाई के दौरान महिलाओं ने भी टीम का विरोध जताया। बाद में जेसीबी से मकान को गिरा दिया गया। लोगों का आरोप है कि बगैर सूचना के नगर निगम ने घर गिरा दिया। बारिश खत्म होने तक का समय भी नहीं दिया।



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