महात्मा गांधी के विचार और उनकी ज़रूरत आज की विभाजनकारी राजनीति के लिए एक नक़ाब बन गए हैं। ग्वालियर में नाथूराम गोडसे की प्रतिमा का बिना किसी विरोध के स्थापित होना और अलीगढ़…
इंदौर में एक लड़की के पहनावे पर मचे बवाल ने समाज की सोच और नैतिकता की सीमाओं पर बहस छेड़ दी है। क्या कपड़ों से किसी की संस्कृति और नैतिकता का मूल्यांकन करना…
मक़बूल फ़िदा हुसैन के साथ बिताए वर्षों की यादों में उनकी कला और सोच की झलक मिलती है। उन्होंने धर्म, कला और इंसानियत पर गहरी समझ से बात की, कभी डर से समझौता…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन यात्रा और उनकी विदेश यात्राओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस लेख में मोदी के ट्रेन से यात्रा करने, यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों से गुजरने, और राष्ट्रपति…
कृषि अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ मानते हैं कि खेती को बरकरार रखने, विकसित करने और सबका पेट भरने की अधिकांश जिम्मेदारी छोटे और सीमांत किसान ही निभाते हैं। जहां 70% ग्रामीण परिवार अभी भी…
ममता अगर पुख़्ता तौर पर मानतीं हैं कि उनके राज्य को बांग्लादेश बनाया जा रहा है, तो उन्हें सारे काम छोड़कर भारत में शरणागत शेख हसीना से मिलने जाना चाहिए। हसीना से उन्हें…