दमोह उपचुनावः राहुल सिंह के लिए अपने ही नेताओं का समर्थन जुटाएंगे सीएम शिवराज


— शिवराज आज दमोह में
— राहुल सिंह का नामांकन दाख़िल करवाएंगे
— आम सभा और पार्टी नेताओं के घर भी जाएंगे



दमोह। उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा दमोह पहुंच रहे हैं। यहां मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर मिली जानकारी के अनुसार वे सुबह करीब 11.55 पर दमोह पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री इसके बाद तुरंत भाजपा के प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी का नामांकन दाख़िल करवाएंगे और इसके बाद मुख्यमंत्री जनसभा को संबोधित करेंगे।

पिछले बार जब मुख्यमंत्री दमोह आए थे तो उन्होंने यहीं से राहुल सिंह की पार्टी प्रत्याशी के रुप में घोषणा की थी और यहीं उन्होंने दमोह में मेडिकल कॉलेज के अपने चुनावी वादे का भूमिपूजन भी किया था।

भाजपा में प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी को लेकर विरोध शांत करने की कवायद उपरी तौर पर तो पूरी हो चुकी है लेकिन अंदरूनी तौर पर राहुल सिंह का विरोध अभी भी जारी है। जिसकी ख़बर पार्टी में नीचे से उपर तक सभी को है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मंगलवार को इसे लेकर एक बड़ी कोशिश करेंगे। वे  राहुल सिंह लोधी के लिए अपने ही नेताओं से सर्मथन जुटाएंगे।

मुख्यमंत्री दमोह में  पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय खेमचंद बजाज, भाजपा के पूर्व  जिला उपाध्यक्ष पंडित बिहारी लाल गौतम के घर उनसे मिलने पहुंचेंगे।

ज़ाहिर है मुख्यमंत्री यहां राहुल सिंह के लिए काम करने के लिए इन नेताओं से कहेंगे। वैसे मलैया के बेटे सिद्धार्थ पहले ही राहुल सिंह के लिए चुनाव प्रचार शुरु कर दिया है। उनके मुताबिक उन्होंने अपने पिता के आदेश का पालन किया है।  हालांकि इन नेताओं को अंदाज़ा है कि राहुल सिंह की पैराशूट एंट्री ने उनके राजनीतिक भविष्य को ख़ासा नुकसान पहुंचाया है।

मुख्यमंत्री यहां जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सतीष नायक के घर भी जाने वाले हैं। बताया जाता है कि सतीष नायक भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

इसके लिए एक पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। हालांकि स्थानीय राजनीति को देखें तो सतीष नायक का कोई ख़ास प्रभाव दमोह की राजनीति में नहीं कहा जा सकता है। उन्हें कांग्रेस के पूर्व मंत्री मुकेश नायक के छोटे भाई के तौर पर ही जाना जाता है।

सतीष नायक

इसके अलावा चुनावी राजनीति में सतीष नायक के नाम कोई ठोस उपलब्धि नहीं कही जा सकती है। ऐसे में कांग्रेस इसे लेकर बहुत ज्यादा परेशान भी नज़र नहीं आती है। हालांकि सतीष नायक का जाना उनके बड़े भाई मुकेश नायक के प्रभाव पर सवाल उठा सकता है हालांकि मुकेश नायक भी पिछला चुनाव हारने के बाद कोई बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं  हैं।



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