पार्टी से नाराज़ रहने वाले विधायक नारायण त्रिपाठी का बयान, चुनाव प्रक्रिया ख़त्म कर दो, अधिकारी भाजपा को ही वोट दिलवा रहे हैं…


बुधवार को त्रिपाठी का एक बयान लगातार सुर्ख़ियों में बना हुआ है। जिसमें वे खुलकर कह रहे हैं कि चुनाव प्रक्रिया को बंद कर देना चाहिए क्योंकि अधिकारी खुद भाजपा के लिए वोट मांग रहे हैं।


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राजनीति Updated On :

भोपाल। भाजपा में रहकर कांग्रेस के करीबी दिखने वाले प्रदेश के इकलौते विधायक नारायण दत्त त्रिपाठी ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी और चुनाव अधिकारी पर सवाल उठाए हैं। मैहर से विधायक त्रिपाठी ने अपनी ही पार्टी और सरकार को घेर दिया है।

बुधवार को उनका एक बयान लगातार सुर्ख़ियों में बना रहा। जिसमें वे खुलकर कह रहे हैं कि चुनाव प्रक्रिया को बंद कर देना चाहिए क्योंकि अधिकारी खुद भाजपा के लिए वोट मांग रहे हैं।

चुनावी प्रक्रिया में उन्होंने धांधली की बात कही है और निर्वाचन आयोग और अधिकारियों को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा है कि कानून और सिस्टम सिर्फ गरीब प्रत्याशियों के लिए है होते हैं न कि धनाढ्यों के लिए।

त्रिपाठी के इस बयान पर भाजपा जहां अब तक चुप है तो वहीं कांग्रेसी नेता इसे लगातार लोगों से साझा कर सरकार और चुनाव आयोग से सवाल कर रहे हैं।

त्रिपाठी का यह बयान एक तरह से भाजपा नेतृत्व से उनकी सीधी नाराज़गी को दिखाता है। उन्होंने हालही में महाराष्ट्र सरकार को गिराने के लिए चलाए गए ऑपरेशन लोटस पर भी निशाना साधा है।

उन्होंने कहा कि

जिस तरह सरकारें दो मिनट में गिराई और बनाई जा रही हैं, उसी तरह का सिस्टम पंचायतों और नगरीय निकायों में भी लागू है। प्रत्याशी चुनाव लड़ते रहेंगे और किसी दल विशेष को जिता दिया जाएगा। ऐसा न हो, अगर मैहर में ऐसा हुआ तो बहुत बुरा होगा। मैहर के चुनाव में शराब, पैसे और साड़ियां बांटे जाने की घटनाओं के वीडियो और अन्य प्रमाण सामने आने के बावजूद कार्रवाई न होने पर त्रिपाठी ने कहा कि जब कोई गरीब प्रत्याशी ऐसे मामले पकड़ता है तो कोई सुनवाई नहीं होती है। धनाढ्य प्रत्याशी शराब, पैसे, कपड़े बांटे और प्रशासन उनका सहयोग करे तो निर्वाचन आयोग को भी धिक्कार है। ऐसी निर्वाचन प्रक्रिया में जनता को भाग ही नहीं लेना चाहिए। जब जीत का प्रमाण पत्र देना फिक्स है, तो इतने बड़े सिस्टम को चलाने, चुनाव कराने का कोई औचित्य ही नहीं है।

ज़ाहिर है यह बयान कांग्रेस के मन भा गया है और एक के बाद एक कई कांग्रेसी नेता इसे लगातार साझा कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने भी इसे साझा किया है, उन्होंने ट्वीट किया कि…

नारायण त्रिपाठी पहले से ही कमलनाथ और कांग्रेस के करीबी रहे हैं। 2019 में जब भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार गिराने की कोशिशें की जा रहीं थीं तो त्रिपाठी और ब्यावरा से विधायक शरद कौल ने कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया था।

हालांकि तब कांग्रेस से करीबी रखने वाले विधायकों में विजयराघवगढ़, कटनी के संजय पाठक का भी नाम आया था, लेकिन बाद में वे कांग्रेस सरकार गिराने में अहम भूमिका में नज़र आए।



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