मप्र पंचायत चुनावः ओबीसी आरक्षण के साथ मई तक चुनाव कराने की उम्मीद में सरकार!


कांग्रेस की सरकार ने परिसीमन कराया था लेकिन भाजपा सरकार ने इसे रद्द कर दिया


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राजनीति Published On :
पंचायत चुनाव


भोपाल। प्रदेश में पंचायत चुनाव टलने के बाद राजनीति गर्म रही और अब एक बार फिर इन चुनावों की तैयारी शुरु हो चुकी है। परिसीमन के साथ मतदाता सूचि बनाने का काम शुरु हो चुका है।

परिसीमन के लिए जहां पैंतालीस दिनों का समय दिया गया है तो करीब दो महीनों में मतदाता सूची भी तैयार की जाएगी। इसके बाद अगर कोरोना संक्रमण से राहत रही तो चुनाव के लिए स्थिति अनुकूल होगी। ऐसे में कहा जा सकता है कि मई तक पंचायत चुनाव होने के पूरे आसार हैं।

सरकार पहले ही कह चुकी है कि पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के नहीं कराए जाएंगे हालांकि पंचायत चुनाव की घोषणा कोर्ट से इस मामले पर निर्णय आने के बाद ही संभव है। 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का मामला कोर्ट में विचाराधीन है और इस मामले में अगली सुनवाई 17 जनवरी को होनी है। ऐसे में अगर यह मामला समय रहते सुलझ जाता है तो आरक्षण लागू कर दिया जाएगा और फिर चुनाव की घोषणा जल्दी ही होगी।

इसके बाद दूसरा मामला परिसीमन का है। कांग्रेस की सरकार ने परिसीमन कराया था लेकिन भाजपा सरकार ने इसे रद्द कर दिया और पहले के परिसीमन के आधार पर ही चुनाव करवाने की तैयारी की। अब एक बार फिर यह प्रक्रिया शुरु हो चुकी है और संभव है कि कांग्रेस इस नए परिसीमन से सहमत न हो। ऐसे में संभव है कि परिसीमन को लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं दायर हो जाएं।

इससे पहले जब कांग्रेस सरकार ने परिसीमन करवाया था तब भी ढ़ाई सौ से अधिक याचिकाएं दायर की गईं थीं । हालांकि कोर्ट ने इन्हें रद्द कर दिया था। ऐसे में कांग्रेस द्वारा करवाया गया परिसीमन कोर्ट ने मान्य किया था और कांग्रेस इस बार भी मांग कर रही है कि अब उसी परिसीमन के आधार पर चुनाव कराए जाएं।

ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट का फैसला और परिसीमन यदि यह दोनों विषय बिना किसी विवाद के सुलझ गए तो संभव है कि प्रदेश में आने वाले अप्रैल या मई में पंचायत चुनावों की घोषणा की जा सकती है।



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