ऑपरेशन लोटस! भारत जोड़ो यात्रा से पहले कांग्रेस में गुटबाज़ी, इंदौर के एक विधायक पर नज़र


बुरहानपुर में पोस्टर पर अरुण यादव की तस्वीर के उपर चिपका दिए गए शेरा, इंदौर के एक विधायक भी हैं चुनाव के बाद से ही नाराज़


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राजनीति Updated On :

भोपाल।  भारत जोड़ो यात्रा के बीच मध्यप्रदेश में ऑपरेशन लोटर के कयास लगाए जा रहे हैं। मालवा निमाड़ में हुई घटनाएं भी इस राय को बल दे रहीं हैं। ऐसे में पार्टी के सीनियर नेता कुछ चिंतित भी हैं। ये नेता किसी भी तरह से इस भीतर घात को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मालेगांव में राहुल गांधी से मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने अपनी एकजुटता दिखाने की कोशिश की। हालांकि इस बीच कांग्रेस के नेताओं में मनमुटाव और गुटबाज़ी की खबरें आ रही हैं और गुटबाज़ी ऐसी कि एक नेता की तस्वीर दबाने के लिए दूसरे नेता ने पोस्टर पर उनके उपर ही अपनी तस्वीर लगा दी।

खबरों की मानें तो 23 नवंबर को जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश में प्रवेश कर रही होगी उस समय भाजपा सक्रिय हो चुकी होगी। भाजपा की कोशिश है कि थोड़ी सी ही सही राहुल की यात्रा के समय कांग्रेसी में टूट की जाए ताकि राहुल गांधी छवि और उनकी भारत जोड़ो यात्रा को मिल रहे जनसर्मथन को नुकसान हो। ऐसे में मालवा निमाड़ में ही सबसे ज्यादा हलचल है।

राहुल गांधी ने प्रदेश कांग्रेस के सभी सीनियर नेताओं को मीटिंग के लिए मालेगांव बुलाया था। बुधवार को राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा आयोजन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह और एमपी कांग्रेस चीफ कमलनाथ की मौजूदगी में पार्टी नेताओं से बातचीत की। इस बातचीत का उद्देश्य क्या था यह जानकारी नहीं है लेकिन राहुल गांधी का बुलावा उन खबरों के बीच आया था जो बताती हैं कि भाजपा मप्र में एक बार फिर ऑपरेशन लोटस करने जा रही है।

इंदौर शहर और संभाग की राजनीति को समझने वाले लोग कहते हैं कि पार्टी से नाराज़ चल रहे एक विधायक इस दौरान कांग्रेस का दामन छोड़ सकते हैं। विधायक जी का परिवार दोनों ही दलों से संबंध रखता है और हालिया चुनाव में उन्हें पार्टी के नेताओं ने कुछ नुकसान भी दिया। जिसके चलते वे पार्टी छोड़ सकते हैं।

इसके अलावा जो सबसे बड़े कयास लगाए जा रहे हैं वे निमाड़ क्षेत्र से हैं जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा निमाड़ के दिग्गज नेता अरुण यादव को दरकिनार करने की खबरें आ रहीं हैं हालांकि अरुण यादव इस बारे में कुछ ख़ास नहीं बोल रहे हैं लेकिन माना जा रहा है कि बुरहानपुर में सुरेंद्र सिंह शेरा को ज़िम्मेदारी देना उन्हें भा नहीं रहा है और यादव कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। हालांकि इस बात से इंकार करने वाले भी कम नहीं है। लोग मानते हैं कि अरुण यादव पुराने कांग्रेसी हैं और वे अगर नाराज़ भी होंगे तो पार्टी नहीं छोड़ेंग।

यादव की नाराज़गी के सवालों पर खुद कमलनाथ कह चुके हैं कि शेरा को ज़िम्मेदारी देने के पीछे खुद अरुण यादव ने ही सिफारिश की थी। हालांकि अब बुरहानपुर में अरुण यादव के पोस्टरों पर अब सुरेंद्र सिंह शेरा की तस्वीरें चिपका दी गईं हैं। ऐसे में पोस्टरों से यादव की तस्वीरें क्यों हटाई जा रहीं यह एक सवाल है। स्थानीय लोग इसे कांग्रेस की गुटबाजी बता  रहे हैं।

कांग्रेस नेतृत्व से नाराज़गी की ख़बरें बुंदेलखंड से भी आ रहीं हैं लेकिन यहां का मामला फिलहाल इतना गंभीर नहीं बताया जा रहा है जितना की मालवा निमाड़ का है और भारत जोड़ो यात्रा इसी हिस्से से होकर गुजरनी है।

कांग्रेस में टूट को लेकर कमलनाथ को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। कमलनाथ को लेकर पिछले दिनों वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने कहा था कि वे प्रदेश के मुद्दों पर सक्रिय ही नहीं हैं। वहीं यात्रा की तैयारियों को लेकर कमलनाथ के शिवराज से मिलने जाने पर भी लोगों ने सवाल उठाए थे।

भारत जोड़ो यात्रा अब 20 की बजाए 23 नवंबर को मध्यप्रदेश में  प्रवेश करेगी। यात्रा का पहला पड़ाव बुरहानपुर होगा और इसके बाद यात्रा महू, इंदौर होते हुए उज्जैन जाएगी। महू और उज्जैन में राहुल गांधी जनसभा को संबोधित करेंगे। यात्रा एमपी में 5 दिसंबर तक रहेगी और इसके बाद राजस्थान के लिए रवाना होगी।

 



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