हिंदी का पेपर देखते ही खुश हुए बच्चे, उत्साह से दिया इम्तिहान


बिना मास्क नहीं दिया प्रवेश, हर छात्र की जांच की गई, पहला पेपर होने से सुबह 8 बजे ही पहुंचने लगे थे परीक्षार्थी।


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धार। दो साल बाद गुरुवार से ऑफलाइन मोड पर माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा शुरू हुई। पहले दिन 12वीं ओर दूसरे दिन 10वीं का हिंदी का पेपर था।

जैसे ही विद्यार्थियों के हाथ में प्रश्न पत्र आया, उसे देखते ही उनका तनाव व घबराहट दूर हो गया। एक बजे पेपर खत्म होने के बाद केंद्रों से बाहर निकले विद्यार्थियों चेहरे पर खुशी नजर आई।

उन्होंने कहा दो साल बाद परीक्षा हुई, लेकिन पेपर आसान आया और बदले पैटर्न पर ही अच्छे प्रश्न पूछे गए थे। कोई भी प्रश्न सिलेबस से बाहर का नहीं था।

बता दें कि धार जिले में 99 परीक्षा केंद्र बनाए थे जहां 10वीं में दर्ज 29734 में से 2097 परीक्षार्थी नहीं पहुंचे। डेढ़ घंटे पहले ही केंद्रों पर सुबह 8.30 बजे से विद्यार्थी पहुंचने लगे थे। 9.30 बजे से बोर्ड पर रोल नंबर देखने के बाद छात्रा परीक्षा हॉल में जाने लगे थे।

कोरोना का प्रोटोकॉल का पालन करते हुए केंद्रों पर सुबह 8 बजे से ही परीक्षार्थी पहुंचने लगे थे। हर केंद्र पर प्रवेश से पहले जांच हुई। इस दौरान केंद्र पर लंबी-लंबी लाइनें लगीं। बगैर मास्क किसी को प्रवेश नहीं दिया गया।

परीक्षार्थी पानी की बोतल के साथ ही सैनिटाइजर की बोतल लेकर आए थे। इसके अलावा अन्य सामग्री परीक्षा कक्ष से बाहर रखवा ली गई।

परीक्षा 10 बजे से 1 बजे तक है। परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सात अलग-अलग उड़नदस्ते बनाए गए थे और कोविड प्रोटोकॉल के तहत हर परीक्षा केंद्र पर आइसोलेशन रूम भी बनाए गए थे।

दो साल बाद परीक्षा, उत्साह के साथ डर भी –

सरकारी के साथ ही निजी स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। दो साल से कोरोना महामारी के चलते बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं। इस साल ऑफलाइन परीक्षाएं हो रही हैं। छात्रों में परीक्षा को लेकर उत्साह है और साथ ही डर भी है।

अंदर जाते समय थर्मल स्क्रीनिंग के साथ हाथ सैनिटाइज्ड करवाए गए। केंद्रों पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की लाइन लग गई थी। स्कूल स्टाफ ने परीक्षा को लेकर तैयारियां दो दिन पहले ही पूरी कर ली थीं।

परीक्षा हॉल में एक बेंच पर एक ही विद्यार्थी के बैठने की व्यवस्था की थी। पहला दिन होने के चलते सुबह-सुबह घरों से स्कूल तक आने में बड़ी जद्दोजहद करना पड़ी।

नहीं बना कोई भी नकल प्रकरण –

परीक्षा केंद्रों में से कुछ संवेदनशील थे और इन सभी पर नकल रोकने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की गईं थीं। उड़नदस्ता दल ने निरीक्षण भी किया, लेकिन सभी जगह स्थिति ठीक मिली। जिले में किसी भी केंद्र पर कोई भी नकल प्रकरण नहीं बना। 10वीं की परीक्षाएं शुक्रवार से शुरू होकर 12 मार्च तक आयोजित की जाएंगी।

मास्क तो दिखा लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग नहीं –

जिले में दसवीं की परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश थे, लेकिन परीक्षा केंद्रों में विद्यार्थियों के चेहरे पर मास्क तो थे पर सोशल डिस्टेंस नहीं दिखा। न ही परीक्षा केंद्रों पर जिम्मेदार केंद्राध्यक्ष कोरोना गाइडलाइन का पालन करवा पाए। शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय क्रमांक दो में सुबह से परीक्षा देने पहुंचे बच्चों को बिना स्क्रीनिंग प्रवेश दे दिया गया।

आइसोलेशन वार्ड में एक भी विद्यार्थी नहीं –

पहले दिन बारहवीं के अंग्रेजी विषय के पेपर में एक भी परीक्षार्थी कोरोना संक्रमित नहीं था जिसके चलते सभी केंद्रों पर बनाए गए आइसोलेशन कमरे बंद पड़े रहे। शुक्रवार को जिन केंद्रों पर बच्चों में सोशल डिस्टेंस न होने की जानकारी मिली है। वहां की व्यवस्थाओं में सुधार किया जाएगा।

विद्यार्थी बोले – अच्छा था पेपर

शासकीय परीक्षा देकर बाहर निकलीं परीक्षार्थी सारिका बिल्लोरे ने बताया कि सभी प्रश्न सरल पूछे गए थे। जितना सिलेबस कम करते हुए हटा दिया, उससे एक भी प्रश्न नहीं पूछा।

उत्कृष्ट केंद्र पर परीक्षा देकर कक्ष के बाहर आई छात्रा अमन पटेल ने बताया कि पेपर शुरू होने से पहले थोड़ी घबराहट थी, लेकिन पेपर अच्छा जाने से आत्मविश्वास बढ़ गया है। कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा गया और कक्ष में एंट्री से पहले स्क्रीनिंग व सैनिटाइज्ड कराया गया।

परीक्षा देकर आई छात्रा पूजा शर्मा ने बताया कि सभी प्रश्न सिलेबस के अंदर के थे। अब अगले पेपर की तैयारी में जुट जाएंगे।



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