स्कूल का रिजल्ट ‘एक्सीलेंट’ बने इसके लिए कमजोर बच्चों को टीसी देकर निकाल रहे हैं बाहर


धार उत्कृष्ट विद्यालय में 11वीं की पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थियों को दूसरे स्कूलों में एडमिशन लेने के लिए कहा।
स्कूल प्रबंधन कहीं टीसी ना पकड़ा दे, इस ‘डर’ से नवीन कक्षा में नहीं जा रहे हैं विद्यार्थी।


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धार Updated On :
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धार। नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो गया है। इसके बावजूद धार के उत्कृष्ट विद्यालय के दर्जनों बच्चों की नवीन कक्षा की पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है।

यह वह बच्चे हैं जिन्हें स्कूल ने पूरक आने के बाद परीक्षा तो दिलवाई है, किंतु उत्तीर्ण होने के बाद इन्हें अब दूसरे स्कूल में प्रवेश लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

स्कूल में जबरिया टीसी थमाने की प्रक्रिया के डर से विद्यार्थी स्कूल नहीं जा रहे हैं। यह सभी विद्यार्थी कक्षा 11वीं में अध्ययनरत थे, जिन्हें पूरक परीक्षा पास होने के बाद कक्षा 12वीं में क्रमोन्नत होना था।

अपने ही विद्यालय के कमजोर विद्यार्थियों को पढ़ाई में दक्ष करने की बजाय विद्यालय प्रबंधन इनसे बचने की कोशिश कर रहा है। दरअसल इस तरह के प्रयासों को स्कूल का रिजल्ट एक्सीलेंट बनाने के प्रदर्शन के दबाव के तौर पर माना जा रहा है।

स्कूल कमजोर विद्यार्थियों को बाहर का रास्ता दिखाकर होशियार विद्यार्थियों के आधार पर अपने स्कूल को ‘एक्सीलेंट’ दिखाना चाहता है।

विशिष्ट संस्था में पढ़ाई के लिए लेते है प्रवेश –

राज्य शासन परीक्षा के पूर्व विद्यार्थियों में परीक्षाओं का भय दूर करने के लिए उन्हें मोटिवेट करने हेतु कई कार्यक्रम संचालित करता है। शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को ‘रूक जाना नहीं’ योजना के माध्यम से दोबारा अवसर दिया जाता है।

उत्कृष्ट विद्यालय जिसे विशिष्ट संस्था के तौर पर आंका जाता है। इन संस्थाओं में अपने ही स्कूल में पढ़ाए बच्चों का एक मर्तबा कमजोर प्रदर्शन सामने आने के बाद बाहर निकालने का रास्ता अपनाया है।

उल्लेखनीय है कि उत्कृष्ट विद्यालय में बेहतर पढ़ाई को मद्देनजर रखते हुए इस विशिष्ट संस्था में पालक अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए मशक्कत करते हैं।

डर इतना कि स्कूल ही नहीं जा रहे बच्चे –

स्कूल प्रबंधन द्वारा कक्षा 11वीं में बच्चों को टीसी ले जाने के लिए कहा जा रहा है। इस तरह की जानकारी सामने आने के बाद कई बच्चों ने स्कूल से फिलहाल दूरी बना ली है।

सबसे मुख्य बात यह है कि इनमें से कई बच्चों को यह भी नहीं मालूम है कि वह पास हुए है या नहीं। दरअसल उन्हें मौखिक रूप से पूरक में उत्तीर्ण होने की बात कही है और टीसी और रिजल्ट साथ ले जाने के लिए कहा गया है।

विद्यार्थियों का यह डर उन्हें और कमजोर बनाने की ओर ले जा रहा है। दरअसल पूरक उत्तीर्ण विद्यार्थी अपने स्कूल की कक्षा में नहीं बैठ पा रहे है।

उन्हें स्कूल प्रबंधन द्वारा टीसी थमा दिए जाने का भय है। हालांकि इस मामले में स्कूल प्रबंधन ने उन्हें नवीन स्कूल में प्रवेश मिलने तक औपचारिक रूप से बैठने के लिए कहा है।

कमजोर बच्चों को क्यों लें दूसरे विद्यालय –

सरकारी स्कूलों में सभी पर वार्षिक परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने का दबाव है। इस दबाव का मुख्य उद्देश्य परिणामों को सुधारने के लिए बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ाने के साथ दक्षता संवर्धन के लिए अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जाए।

इससे उलट स्कूल अपने यहां के कमजोर विद्यार्थियों को बाहर जाने के लिए बाध्य कर रहे हैं। सिर्फ उत्कृष्ट विद्यालय का ही मामला नहीं है। भोज कन्या उमावि में कक्षा 11वीं में कॉमर्स विषय के साथ प्रवेश लेने के लिए गई छात्रा को स्कूल प्रबंधन ने होम साइंस में ही प्रवेश देने के लिए कहा है।

छात्रा को कहा गया है कि कॉमर्स तुमसे नहीं हो पाएगा। सबसे बड़ा सवाल कमजोर बच्चों को शालाओं से निकालने वाली शैक्षणिक संस्थाओं से है कि यदि बच्चे को पढ़ाई में कमजोर आंक कर निकाला जा रहा है तो दूसरा विद्यालय कमजोर बच्चे को प्रवेश देकर अपनी संस्था का वार्षिक परीक्षा परिणाम क्यों बिगाड़ेगा।

ऑनलाईन पढ़ाई से प्रभावित हुआ रिजल्ट –

टीसी (स्थानांतरण प्रमाण पत्र) दिए जाने के डर से उत्कृष्ट विद्यालय के पूरक परीक्षार्थी हार्दिक अग्रवाल, हर्ष हरोरे, कुंदन टाकोलिया, भारत ठाकुर, दक्ष घोडे, विनित राठौर, तुषा वर्मा सहित कई छात्र ना दूसरे स्कूल में प्रवेश ले पा रहे हैं और ना ही अपने रिजल्ट को लेकर आश्वस्त हैं।

उन्हें डर है कि स्कूल में रिजल्ट के साथ टीसी थमा दिया जाएगा। यह विद्यार्थी स्कूल नहीं छोड़ना चाहते हैं।

छात्र दक्ष ने बताया कि कक्षा 9वीं से उत्कृष्ट विद्यालय में अध्ययनरत है। हम स्कूल छोड़ना नहीं चाहते है। कोरोना संक्रमण काल में पढ़ाई बाधित हुई है। हम उसको फिर से कवर करेंगे और बेहतर प्रदर्शन करके कक्षा 12वीं में विद्यालय का नाम रोशन करेंगे।

कमोबेश इसी तरह की स्थिति अन्य विद्यार्थियों की है। वे सभी अपनी ही शाला से एक मौका मांग रहे है।

पूर्व से ही चली आ रही हैं व्यवस्थाएं –

उत्कृष्ट विद्यालय एक विशिष्ट संस्थान है। यहां पर शुरुआती दौर से ही पूरक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को शाला से टीसी दे दिया जाता है। हमारे द्वारा यह पहली बार नहीं किया जा रहा है। जहां तक नियम की बात है तो अभी मेरे पास लिखित नियम नहीं है। मुझे भी पूरक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को लेकर नियम पता करना होंगे। – अमीता वाजपेयी, प्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय, धार

सोमवार को चर्चा करेंगे –

अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों को टीसी दिए जा रहे होंगे। यदि पूरक पास करने के बाद भी बच्चों को टीसी दिए जा रहे हैं तो मुझे मामला पता करना पड़ेगा। इसके नियमों को देखकर ही कुछ बता पाएंगे। आप सोमवार को चर्चा करें। – सुप्रिया बिसेन, सहायक आयुक्त धार

मनोबल टूटता है विद्यार्थियों का –

कक्षा 11वीं के जिन विद्यार्थियों को दूसरे स्कूल में प्रवेश लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है। यह सभी विद्यार्थी उसी शाला में पिछले कई साल से पढ़ाई कर रहे हैं। यदि उन्हें किसी वर्ष पूरक आती है तो स्कूल प्रबंधन को उन्हें संबल देना चाहिए। उन्हें स्कूल से हटाकर मनोबल तोड़ा जा रहा है। – अक्षय दोहरे, छात्र नेता, धार



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