World Kidney Day: जानिए आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व किडनी दिवस व इससे जुड़ी अहम बातें


लोगों को गुर्दे या किडनी बीमारियों के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है।


DeshGaon
दवा-दारू Published On :
world kidney day 2023

नई दिल्ली। पूरी दुनिया में आज यानी 9 मार्च 2023 को विश्व किडनी दिवस मनाया जा रहा है। लोगों को गुर्दे या किडनी बीमारियों के विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिवस हर साल मार्च के दूसरे गुरुवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है।

इस दिन अधिकांश लोगों को किडनी के महत्व और इसके संदर्भ में जागरूक किया जाता है। किडनी को आमतौर पर गुर्दा भी कहते हैं लेकिन अब सामान्यत: किडनी शब्द का ही इस्तेमाल किया जाने लगा है।

शरीर में सभी अंग महत्वपूर्ण है लेकिन किडनी शरीर के सबसे अहम अंगों में से एक है और क्रानिक किडनी डिजीज एक गंभीर बीमारी है इससे हर साल लाखों लोगों की जान जाती है। आइए जानते हैं इस गंभीर बीमारी के बारे में और इससे बचने के उपाय….

क्या है क्रानिक किडनी डिजीज –

क्रानिक किडनी डिजीज ( Chronic kidney disease) को किडनी फेल्योर के रूप में जाना जाता है, यह ऐसी स्थिति होती है जिससे कुछ दिन बाद किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है जबकि क्रानिक किडनी रोग बढ़ने से शरीर में तरल पदार्थ, इलेक्ट्रोलाइट्स और अपशिष्ट की हानिकारक मात्रा जमा हो जाती है।

इसके इलाज के लिए डायलिसिस विकल्प है जिसमें अपशिष्ट और तरल पदार्थ रक्त से फिल्टर किया जाता है। इस दौरान किडनी ट्रांसप्लांट के माध्यम से इस समस्या को दूर किया जाता है। क्रानिक किडनी डिजीज को तब तक पता नही चलती है जब तक कि किडनी की कार्यक्षमता गंभीर रूप से खराब न हो जाए।

विश्व किडनी दिवस की शुरुआत –

विश्व किडनी दिवस इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (ISN) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन (IFKF) की संयुक्त पहल है।

साल 2006 से हर साल किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है। यह एक वैश्विक अभियान है इसका उद्देश्य समग्र स्वास्थ्य के लिए किडनी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

क्रानिक किडनी डिजीज एक गंभीर रोग –

अमूमन कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही मनुष्य का सबसे बड़ा धन है इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। वैसे तो बीमारी सभी गंभीर होती है लेकिन क्रानिक किडनी डिजीज शरीर को अधिक गंभीर रूप से प्रभावित करती है।

क्रानिक किडनी डिजीज से ग्रस्त व्यक्ति के शरीर में खून फिल्टर नहीं हो पाता और यह समस्या भविष्य में और गंभीर रूप ले लेती है। ऐसे में स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सही समय पर किडनी रोगों के लक्षणों की पहचान कर इलाज कराना अनिवार्य होता है।

क्रानिक किडनी डिजीज की जांच –

किडनी रोग होने पर बार-बार पेशाब जाना पड़ता है और कभी- कभी यूरिन में रक्त नजर आना भी किडनी रोग का लक्षण हो सकता है। इसलिए किडनी बीमारी से बचने के लिए कई प्रकार की जांच होती है।

क्रानिक किडनी डिजीज का पता लगाने के लिए मूत्र में प्रोटीन की जांच, ब्लड सीरम क्रिएटिनिन की जांच व अन्य प्रकार की जांच होती है। लेकिन शुरुआती दौर में किडनी डिजीज का कोई असर नही पड़ता है। इस कारण अधिकांश लोग इस बीमारी को नजरअंदाज कर देते हैं।

किडनी को प्रभावित करने वाले कारक –

आज हम जिस तरह की दिनचर्या में काम करते हैं, खाना भी सही से नही खाते हैं ऐसी कई रोजमर्रा की समस्याएं है जो किडनी को सीधे प्रभावित करती है।

इसके साथ ही उच्च रक्तचाप ( हाई ब्लड प्रेशर), रक्त में शर्करा का अधिक स्तर यानी मधुमेह रोग ( शुगर), ग्लोमेरुलोनेफ्रैटिस, आनुवांशिक कारण, दर्द निवारक दवाओं का अत्यधिक प्रयोग और यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाना जैसे अन्य कारक किडनी को प्रभावित करते हैं।

भारत में किडनी रोग के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम –

भारत में किडनी डिजीज के इलाज के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (Pradhanmantri National Dialysis Programme) की शुरुआत की है। इस PNDP कार्यक्रम की घोषणा वर्ष 2016-17 के केंद्रीय बजट में हुई थी।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किडनी संबंधित रोगों से ग्रस्त रोगियों को डायलिसिस की सरल तथा सहज सुविधाएं प्रदान करके उनके शरीर को स्वस्थ बनाना है। इसके अंतर्गत वर्तमान में देश के 35 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 571 जिलों में 1054 केन्द्र है।

किडनी को स्वस्थ रखने के उपाय –

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किडनी को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है, किडनी को स्वस्थ रखने के लिए

  • रक्त में शर्करा का स्तर ( ब्लड शुगर) नियंत्रित करना
  • – रक्तचाप नियंत्रित रखना यानी ब्लड प्रेशर सामान्य होने से किडनी स्वस्थ रहती है
  • – किडनी स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर के सलाह से ही दवाएं लेना जरूरी है
  • – नमक का कम मात्रा में सेवन करना
  • – वसायुक्त पदार्थ का सेवन कम करना
  • – स्वास्थ्य और जागरुक जीवनशैली को अपनाना और रेगुलर व्यायाम करना
  • – वजन को नियंत्रित करना
  • – धूम्रपान व शराब के सेवन से बचना
  • – संतुलित आहार करने के साथ भरपूर मात्रा में पानी पीने से किडनी स्वस्थ रहती है।



Related