ये लोग हैं “क्लीन एयर चैंपियन्स” यानी जीवनदायी स्वच्छ वायु के लिए व्यक्तिगत प्रयास कर रहे पैरोकार
बदलते रुझानों और बदलते पैटर्न, जहां बारिश की कमी वाले क्षेत्रों में अब बाढ़ आ रही है और देश के सबसे गीले क्षेत्र सूख रहे हैं, को बदलती जलवायु और स्थानीय मौसम प्रणालियों…
वायु गुणवत्ता सूचकांक, पीएम 2.5 जैसे प्रदूषका का प्रभाव, हीट एवं कोल्ड स्ट्रोक के असर और बचाव के साथ ही प्रारंभिक उपचार पर विशेष चर्चा की गई।
दुनिया के तमाम देशों में मौसम संबंधी कारणों से होने वाली मौतों में गर्मी एक प्रमुख कारण बनी हुई है।
मौसम विभाग के मुताबिक 13 और 14 सितंबर को बंगाल की खाड़ी से लो प्रेशर एरिया एक्टिव होगा जो पहले छत्तीसगढ फिर बंगाल और फिर मध्य प्रदेश तक आएगा।
प्रदेश के कई जिलों में औसत से कम हुई है बारिश, फसलों के सूखने का खतरा