ओरल कैंसर के संभावित मरीजों की 90% तक सटीक पहचान कर सकती है RRCAT की ये नई मशीन


जांच के लिए आरआरकेट द्वारा विकसित किए गए फोटोनिक्स आधारित, कॉम्पैक्ट, नॉन-इनवेसिव और पोर्टेबल कैंसर स्क्रीनिंग डिवाइस “ऑन्कोडायग्नोस्कोप” का उपयोग किया


आरआरकेट में की गई लोगों की स्क्रीनिंग


इंदौर। देश की आज़ादी की 75वीं सालगिरह को इस बार अमृत महोत्सव के रुप में मनाया जा रहा है।

इस अवसर पर इंदौर स्थित देश के प्रतिष्ठित विज्ञान संस्थान राजा रमन्ना सेंटर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी (आरआरकेट) ने एक खास शिविर का आयोजन किया।

यह शिविर स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम रहा। जहां 5 और 6 अक्टूबर को आरआरकेट कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय कैंसर स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया।

यह शिविर चोइथराम कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, चोइथराम अस्पताल और अनुसंधान केंद्र (सीएचआरसी), इंदौर के सहयोग से आयोजित किया गया।

जहां सीआईएसएफ और आरआरकेट सुरक्षा कर्मियों, उनके परिजनों और आरआरकेट परिसर में आने वाले विभिन्न गैर-कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की गई।

यहां पहुंचने वाले लोगों की फोटोनिक्स आधारित, कॉम्पैक्ट, नॉन-इनवेसिव और पोर्टेबल कैंसर स्क्रीनिंग डिवाइस “ऑन्कोडायग्नोस्कोप” का उपयोग करके ओरल कैविटी की जांच की गई।

यह  डिवाइस आरआरकेट संस्थान में ही  विकसित किया गया है। विभिन्न ओरल टिश्यू संबंधी असामान्यताओं वाले लगभग 4000 लोगों पर डिवाइस के सत्यापन से पता चला है कि डिवाइस 90% से अधिक सटीकता के साथ कैंसर का पता लगा सकता है।

कार्यक्रम का उद्घाटन आरआरकेट के निदेशक श्री एस.वी. नाखे ने किया। इस मौके पर डॉ. एस. एस.  नय्यर, सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट और जनरल सेक्रेटरी, कैंसर सोसायटी ऑफ मध्य प्रदेश राजेश आर्य, हेड, लेजर इलेक्ट्रॉनिक्स डिवीजन और चेयरमैन, पब्लिक आउटरीच कमेटी, आरआरकेट और डॉ. एस. के. मजुमदार, हेड, लेजर बायोमेडिकल एप्लीकेशंस डिवीजन और को-चेयरमैन, पब्लिक आउटरीच कमेटी, आरआरकेट सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

आरआरकेट के निदेशक एस. वी. नाखे ने बताया कि

नॉन-इनवेसिव ऑन्कोडायग्नोस्कोप द्वारा 300 व्यक्तियों की मुफ्त जांच की गई है। भारत में ओरल कैंसर (मुंह के कैंसर) की व्यापकता बहुत अधिक है इसलिए ऐसे नॉ-इनवेसिव उपकरणों की आवश्यकता है जो दर्द रहित तरीके से जल्द परिणाम दें। हम विभिन्न एनजीओ और चिकित्सा संस्थानों के सहयोग से बड़े पैमाने पर आबादी की जांच के लिए ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसे शिविर आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।

श्री नाखे के मुताबिक देश के परमाणु ऊर्जा विभाग का उद्देश्य वाक्य है  “राष्ट्र की सेवा में परमाणु”  और इसके साथ ही उनके संस्थान आरआरकैट का उद्देश्य वाक्य है “मानवता की सेवा में फोटॉन” क्योंकि कैट  प्रकाश उर्जा क्षेत्र में किये जा रहे अपने शोध कार्यों के लिए विश्वभर में जाना जाता है और अब कैट अपनी इस विशेषज्ञता का उपयोग स्वास्थ्य सुविधाओं को सरल बनाने के साथ लोगों की जिंदगियां बचाने में भी कर रहा है।

आरआरकेट में लेज़र बायो-मेडिकल एप्लिकेशंस डिवीज़न के 25 से अधिक वर्षों के शोध कार्य के बाद ओन्कोडाइआग्नोस्कोप नाम की यह मशीन विकसित हुई है। इस डिविजन के प्रमुख डॉ एस के मजुमदार ने बताया कि  90 के दशक के आरंभ में जब वे आरआर कैट में एक युवा वैज्ञानिक के रूप में नियुक्त हुए थे तब इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी और वे तब वे इस प्रोजेक्ट में काम करने वाला पहले वैज्ञानिक थे। इसके बाद में टीम बढ़ी और  डॉ हेमंत कृष्णा और अन्य युवा वैज्ञानिक इस प्रोजेक्ट से जुड़े।

डा. शोभन मजुमदार

 

डॉ मजुमदार के मुताबिक उन्हें यह देखकर बहुत खुशी होती है कि 2018 में हमारे वर्तमान निदेशक एवं तत्कालीन ग्रुप निदेशक डॉ. नाखे के नेतृत्व हम सफलता पूर्वक ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी संपन्न कर चुके हैं, जो एक बहुत बड़ा कदम है और मेक इन इंडिया एवं लैब टू लैंड की एक शानदार मिसाल है। एक निजी कंपनी और एक पब्लिक सेक्टर कंपनी ईसीआईएल अब इस मशीन का निर्माण कर रही है।

कार्यक्रम का समन्वय डॉ. खगेश्वर साहू, डॉ. हेमंत कृष्णा,  विजय कुमार, डॉ. सुनील वर्मा, डॉ.  निवास सतपथी के साथ आरआरकेट के वैज्ञानिकों की समर्पित टीम ने किया।

डॉ. एस. एस. नय्यर, डॉ. पल्लवी गुप्ता, डॉ. आशीष परमार, डॉ. अंतुश मित्तल, डॉ. मनीषा चौहान, सीएचआरसी की डॉ. अपूर्व गर्ग और डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की एक टीम ने  यहां लोगों की  जांच और स्क्रीनिंग की।

चोइथराम कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, चोइथराम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉ. अरिंदम बोस की टीम द्वारा ओरल कैविटी की जांच के साथ-साथ विभिन्न नैदानिक परीक्षण जैसे ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की माप, ब्लड ग्रुप का निर्धारण आदि भी मुफ्त किए गए।

 

जानिये क्या कह रहे हैं इसे बनाने वाले और आरआरकेट के विशेषज्ञ इस नए उपकरण के बारे में…

 



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