किसान आंदोलन के तहत निकाली जा रही ट्रैक्टर रैली अपने चौथे दिन रात्रि विश्राम सिमराही ग्राम किसान चौपाल लगाई गई जहां संख्या में किसान पहुंचे।
न्यायालय ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि लोग सामाजिक दूरी के नियम का पालन कर रहे हैं कि नहीं लेकिन हमें उनके (किसानों) भोजन पानी की चिंता है।’
इस रैली में पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पूर्व मंत्री जीतू पटवारी सज्जन सिंह वर्मा और विधायक कुणाल चौधरी के साथ युवा कांग्रेस के विक्रांत भूरिया भी मौजूद रहे।
पटवारी ने कहा कि कमलनाथ जी ने सभी किसानों से प्रार्थना की है कि देश की राजधानी में प्रदेश में 20 तारीख को इकट्ठा हो और प्रार्थना करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी…
किसान धूलिया, जलगांव, परभणी, मालेगाव, नाशिक आदि जिलों से आए थे। यह जत्था उज्जैन, कोटा होते हुए आज शाम जयपुर पहुंचेगा और कल दिल्ली की सिंधु बॉर्डर पहुंचेगा।
बीते साल 26 नवंबर को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुए अपने आंदोलन में पहली बार किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। जो तीन मुख्य घोषणाएं आज किसानों ने की हैं, उनमें…
आखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने सरकार की ओर से आये पत्र को दोहरेपन की संज्ञा दी है। समिति का कहना है कि सरकार ने पत्र में अस्पष्ट भाषा का जिस तरह…
पार्टी अपनी लोकप्रियता को तो बढ़ाएगी ही साथ ही आम लोगों और विशेषकर किसानों तक अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने का काम सीधे तौर पर करेगी।
किसान आंदोलन के बारे में तरह-तरह की बातें की जा रहीं हैं लेकिन इसकी आंदोलन की नेकनियत का अंदाज़ा इसे भीतर से देखकर ही लगाया जा सकता है। तस्वीरों में देखिए कि इन…
एपीएमसी एक्ट लागू होने के बाद मंडी समितियों की हालत पस्त हो गई है। प्रदेश की लगभग सभी मंडियों में आवक कम हुई है और आमदनी गिरी है। अनूपपुर जिले की कोतमा मंडी…
संयुक्त संघर्ष मोर्चा के द्वारा भोपाल के नीलम पार्क में कृषि कानूनों के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। इसके लिए जब कार्यकर्ता अनुमति लेने गए तो उन्हें पुलिस ने…
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के वर्किंग ग्रुप ने कहा है कि कृषि मंत्री का पत्र दिखाता है कि सरकार किसानों की तीन नए कृषि कानून रद्द करने की मांग को हल…
विडंबना यह है कि बुज़ुर्ग किसान पर जुर्माना कब लगा यह उन्हें भी नहीं पता। वे कहते हैं कि उन्हें इसके बारे में कोई नोटिस या जानकारी ही नहीं दी गई। इस पूरे मामले में…
रीगल तिराहे पर काफी संख्या में संगठनों से जुड़े सदस्य मौजूद रहे। जिन्होंने केंद्र सरकार और कृषि बिलों के विरोध में नारे लगाए। श्रंखला में शामिल लोग अपने हाथों में तख़्तियां लेकर प्रदर्शन…
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
1 दिसंबर को हुई वार्ता के बाद उसी शाम कृषि मंत्री ने कृषि भवन में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राकेश टिकैत के साथ अलग से मुलाकात की थी, जिसके बारे में टिकैत…